अलसी का तेल भरेगा डिस्प्ले की दरारें
दरअसल, दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मोबाइल स्क्रीन की दरारों को भरने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल माइक्रोकैप्सूल के रूप में किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में पता चला है कि पारदर्षी अलसी के तेल से डिस्प्ले की दरारों को भरा जा सकता है। शोध के दौरान 95 फीसदी तक टूटी हुई स्क्रीन को 20 मिनट में ठीक कर दिया गया।
दरअसल, दक्षिण कोरिया के शोधकर्ताओं ने दावा किया है कि मोबाइल स्क्रीन की दरारों को भरने के लिए अलसी के तेल का इस्तेमाल किया जा सकता है। हालांकि इसका इस्तेमाल माइक्रोकैप्सूल के रूप में किया जा सकता है। शोधकर्ताओं ने एक रिसर्च में पता चला है कि पारदर्षी अलसी के तेल से डिस्प्ले की दरारों को भरा जा सकता है। शोध के दौरान 95 फीसदी तक टूटी हुई स्क्रीन को 20 मिनट में ठीक कर दिया गया।
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टूटी स्क्रीन को ठीक करने का प्रयोग प्रयोगषाला में किया गया। अगर यही प्रक्रिया घर पर की जाए तो कई घंटे लग सकते हैं। शोध में पता चला है कि सामान्य तरीके से टूटी स्क्रीन को जोड़ने में घंटों लग सकते हैं, लेकिन गर्म तापमान और अल्ट्रावायलेट रोशनी से इस प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है। यह शोध कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केआईएसटी) में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कंपोजिट मैटेरियल में किया गया।
टूटी स्क्रीन को ठीक करने का प्रयोग प्रयोगषाला में किया गया। अगर यही प्रक्रिया घर पर की जाए तो कई घंटे लग सकते हैं। शोध में पता चला है कि सामान्य तरीके से टूटी स्क्रीन को जोड़ने में घंटों लग सकते हैं, लेकिन गर्म तापमान और अल्ट्रावायलेट रोशनी से इस प्रक्रिया को तेज किया जा सकता है। यह शोध कोरिया इंस्टीट्यूट ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी (केआईएसटी) में इंस्टीट्यूट ऑफ एडवांस्ड कंपोजिट मैटेरियल में किया गया।
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इस रिसर्च का नेतृत्व कर रहे सेंटर हेड डॉ. योंग-चाई जुंग क कहना है कि स्क्रीन को ठीक करने वाले इस मैटेरियल को एक पॉलिमर बाइलेयर फिल्म (पीबीएफ) कहा जाता है। ये दो परतों का मेल है जो मिलकर एक सिंगल मैटेरियल बनाती है। इसमें ऊपरी सतह में अलसी के तेल के माइक्रोकैप्सूल होते हैं।
इस रिसर्च का नेतृत्व कर रहे सेंटर हेड डॉ. योंग-चाई जुंग क कहना है कि स्क्रीन को ठीक करने वाले इस मैटेरियल को एक पॉलिमर बाइलेयर फिल्म (पीबीएफ) कहा जाता है। ये दो परतों का मेल है जो मिलकर एक सिंगल मैटेरियल बनाती है। इसमें ऊपरी सतह में अलसी के तेल के माइक्रोकैप्सूल होते हैं।
वहीं दूसरी परत फोन, टैबलेट और अन्य गैजेट में इस्तेमाल होने वाले कांच जैसे मैटेरियल से बनी होती है। इस परत कोे सीपीआई कहा जाता है। शोधकर्ताओं का कहना है कि सीपीआई एक पारदर्शी प्लास्टिक होता है, जो मजबूत, लचीला और विद्युत संचालन करता है।