यह भी पढ़ें—iPhone के बैक पैनल में छिपा है कमाल का बटन, ऐसे करें इस्तेमाल आईफोन के ये पार्ट्स हैं सबसे महंगे
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि iPhone 12 और iPhone 12 Pro के कुछ पार्ट्स महंगे हैं। इनमें Qualcomm X55 5G मॉडेम, सैमसंग की ओर से मैन्युफैक्चर किया गया OLED डिस्प्ले, सोनी कंपनी के कैमरा सेंसर और A14 Bionic चिप हैं। क्वालकॉम के प्रोसेसर की कीमत करीब 90 डॉलर (करीब 6,600 रुपए) बताई ज रही है। वहीं सैमसंग द्वारा बनाई गई OLED डिस्प्ले की कीमत लगभग 70 डॉलर (करीब 5,200 रुपए) बताई जा रही है।
इस रिपोर्ट में बताया गया है कि iPhone 12 और iPhone 12 Pro के कुछ पार्ट्स महंगे हैं। इनमें Qualcomm X55 5G मॉडेम, सैमसंग की ओर से मैन्युफैक्चर किया गया OLED डिस्प्ले, सोनी कंपनी के कैमरा सेंसर और A14 Bionic चिप हैं। क्वालकॉम के प्रोसेसर की कीमत करीब 90 डॉलर (करीब 6,600 रुपए) बताई ज रही है। वहीं सैमसंग द्वारा बनाई गई OLED डिस्प्ले की कीमत लगभग 70 डॉलर (करीब 5,200 रुपए) बताई जा रही है।
यह भी पढ़ें—लोगों के लिए मुसीबत बना आईफोन 12, चाकू की तरह कट रही उंगलियां! जानें पूरा मामला इसलिए बढ़ जाती है कीमत
आईफोन 12 को बनाने की लागत तो कम है फिर इसकी कीमत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि फाइनल प्रोडक्ट मार्केट में आने पर कंपनी के प्रॉफिट के अलावा कई तरह के टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी भी उसमें जुड़ जाती है। इसके अलावा रिपोर्ट में iPhone 12 सीरीज बनाने के लिए किस देश से कितने कॉम्पोनेंट्स आते हैं, इस बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इसका सबसे ज्यादा 26.8 प्रतिशत शेयर साउथ कोरिया के पास है। इसी तरह US और यूरोप से 21.9 प्रतिशत पार्ट्स, चीन से आने वाले पार्ट्स के पास 5 प्रतिशत से कम और जापान व ताइवान से क्रमश: 13.6 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत कॉम्पोनेंट्स की सप्लाई होती है।
आईफोन 12 को बनाने की लागत तो कम है फिर इसकी कीमत इसलिए बढ़ जाती है क्योंकि फाइनल प्रोडक्ट मार्केट में आने पर कंपनी के प्रॉफिट के अलावा कई तरह के टैक्स और इंपोर्ट ड्यूटी भी उसमें जुड़ जाती है। इसके अलावा रिपोर्ट में iPhone 12 सीरीज बनाने के लिए किस देश से कितने कॉम्पोनेंट्स आते हैं, इस बारे में भी बताया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इसका सबसे ज्यादा 26.8 प्रतिशत शेयर साउथ कोरिया के पास है। इसी तरह US और यूरोप से 21.9 प्रतिशत पार्ट्स, चीन से आने वाले पार्ट्स के पास 5 प्रतिशत से कम और जापान व ताइवान से क्रमश: 13.6 प्रतिशत और 11.1 प्रतिशत कॉम्पोनेंट्स की सप्लाई होती है।