दरअसल 2013 में हुए एक भीषण कार दुर्घटना में रॉबर्ट का शरीर और चेहरा बुरी तरह झुलस गया था। इलाज के दौरान वे कोमा में चले गए। छह महीने बाद उन्हें होश आने पर अगले नौ महीने तक उनका गहन इलाज चलता रहा। इस दौररान उनकी 30 सर्जरी की गईं। लेकिन आग में बुरी तरह झुलसने के कारण उनके होंठ, नाक, बांए कान और चेहरे के अन्य हिस्सों को फिर से ठीक कर पाना आसान नहीं था। ऐसे में चिकित्सकों ने उनका चेहरा ट्रांसप्लांट करने का निर्णय किया। जुलाई में बोस्टन के एक निजी अस्पातल में उनकी 16 घंटे लंबी सर्जरी की गई। सड़क दुर्घटना के करीब नौ साल बाद उन्हें एक डोनर मिल सका। इस शल्य क्रिया में 45 सर्जन ने चेहरा प्रत्यारोपण करने में अहम भूमिका निभाई। गौरतलब है कि अमरीका में चेहरे के प्रत्यारोपण के लिए सही डोनर का इंतजार करने वालों में 30 फीसदी मरीज अश्वेत अमरीकी हैं। जबकि इस समूह के केवल 13.5 फीसदी लोग ही अंग और रक्तदान करते हैं।