वहीं यूजर्स के लिए इस प्राइवेसी पॉलिसी को लाभदायक बताया जा रहा है। फेसबुक का आरोप है कि एप्पल की यह प्राइवेसी पॉलिसी एकतरफा है और इससे छोटे व्यापारियों को नुकसा होगा। वहीं एप्पल ने भी फेसबुक के इन आरोपों पर पलटवार करते हुए जवाब दिया था।
एप्पल के फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटाया
अब फेसबुक ने इस प्राइवेसी पॉलिसी की लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ाते हुए एप्पल कंपनी के फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटा दिया है। हालांकि फेसबुक ने यह नहीं बताया कि उसने ऐसा क्यों किया। बता दें कि फेसबुक पर तमाम बड़ी कंपनियों और ऑर्गेनाइजेशन के फेसबुक पेज ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड हैं। एप्पल का इंस्टाग्राम पेज अभी भी ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड है, लेकिन फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटा दिया गया है।
अब फेसबुक ने इस प्राइवेसी पॉलिसी की लड़ाई में एक कदम आगे बढ़ाते हुए एप्पल कंपनी के फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटा दिया है। हालांकि फेसबुक ने यह नहीं बताया कि उसने ऐसा क्यों किया। बता दें कि फेसबुक पर तमाम बड़ी कंपनियों और ऑर्गेनाइजेशन के फेसबुक पेज ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड हैं। एप्पल का इंस्टाग्राम पेज अभी भी ब्लू टिक के साथ वेरिफाइड है, लेकिन फेसबुक पेज का वेरिफिकेशन हटा दिया गया है।
क्या है एप्पल की नई प्राइवेसी पॉलिसी में
ब्ता दें कि एप्पल ने हाल ही अपने एप स्टोर के लिए नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की है। इस प्राइवेसी पॉलिसी के तहत एप्पल के एप स्टोर पर मौजूद सभी एप्स को एप स्टोर पर अपने एप पब्लिश करने से पहले ही बताना होगा कि वह यूजर्स की कौन-कौन सी जानकारियां इकट्ठा करेंगी। साथ ही एप्स को यह भी बताना होगा कि वह यूजर्स का डाटा किस काम में लेगी। एप स्टोर में हर एप के साथ प्राइवेसी पॉलिसी में डाटा कलेक्शन और एक्सेस समेत कई जानकारियां देनी होंगी।
ब्ता दें कि एप्पल ने हाल ही अपने एप स्टोर के लिए नई प्राइवेसी पॉलिसी जारी की है। इस प्राइवेसी पॉलिसी के तहत एप्पल के एप स्टोर पर मौजूद सभी एप्स को एप स्टोर पर अपने एप पब्लिश करने से पहले ही बताना होगा कि वह यूजर्स की कौन-कौन सी जानकारियां इकट्ठा करेंगी। साथ ही एप्स को यह भी बताना होगा कि वह यूजर्स का डाटा किस काम में लेगी। एप स्टोर में हर एप के साथ प्राइवेसी पॉलिसी में डाटा कलेक्शन और एक्सेस समेत कई जानकारियां देनी होंगी।
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एप्पल की इस नई प्राइवेसी पॉलिसी को यूजर्स के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। इससे यूजर्स को यह पता चल जाएगा कि कौन सी एप उनका कौन सा डाटा और कौन सी जानकारियां इकट्ठा कर रही हैं और क्यों। इससे यूजर चाहे तो उस एप की प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ने के बाद उसे डाउनलोड करे या न करे, यह यूजर पर निर्भर होगा। बता दें कि नई पॉलिसी एप्पल के इनहाउस एप्स पर भी लागू होगी।
एप्पल की इस नई प्राइवेसी पॉलिसी को यूजर्स के लिए फायदेमंद बताया जा रहा है। इससे यूजर्स को यह पता चल जाएगा कि कौन सी एप उनका कौन सा डाटा और कौन सी जानकारियां इकट्ठा कर रही हैं और क्यों। इससे यूजर चाहे तो उस एप की प्राइवेसी पॉलिसी पढ़ने के बाद उसे डाउनलोड करे या न करे, यह यूजर पर निर्भर होगा। बता दें कि नई पॉलिसी एप्पल के इनहाउस एप्स पर भी लागू होगी।
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वहीं फेसबुक को एप्पल की इस नई प्राइवेसी पॉलिसी पर आपत्ति है। इसी वजह से फेसबुक ने पिछले दिनों अमरीका के कई अखबरों में विज्ञापन छपवाकर एप्पल की इस प्राइवेसी पॉलिसी पर आपत्ति जताई थी। वहीं व्हाट्सएप ने भी एप्पल की इस नई पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि एपल का नया एप न्यूट्रिशन लेबल पक्षपातपूर्ण है। वहीं एप्पल का कहना है कि नया प्राइवेसी नियम थर्ड पार्टी एप और एप्पल के सभी इनहाउस एप्स पर भी लागू होगा।
वहीं फेसबुक को एप्पल की इस नई प्राइवेसी पॉलिसी पर आपत्ति है। इसी वजह से फेसबुक ने पिछले दिनों अमरीका के कई अखबरों में विज्ञापन छपवाकर एप्पल की इस प्राइवेसी पॉलिसी पर आपत्ति जताई थी। वहीं व्हाट्सएप ने भी एप्पल की इस नई पॉलिसी की आलोचना करते हुए कहा कि एपल का नया एप न्यूट्रिशन लेबल पक्षपातपूर्ण है। वहीं एप्पल का कहना है कि नया प्राइवेसी नियम थर्ड पार्टी एप और एप्पल के सभी इनहाउस एप्स पर भी लागू होगा।