किसी भी स्मार्टफोन में वाई—फाई की स्पीड उसके फ्रिक्वेंसी बैंड पर काफी निर्भर करती है। आजकल स्मार्टफोन्स में 5गीगाहर्ट्ज तक की फ्रिक्वेंसी बैंड का सपोर्ट दिया जाता है। आप अपने फ्रिक्वेंसी बैंड को ऑटो मोड पर सेट रखें। इससे वाई-फाई डिवाईस द्वारा आ रही फ्रिक्वेंसी के हिसाब से स्मार्टफोन खुद ही उस पर शिफ्ट हो जाएगा और आपक इंटरनेट बिना रूकावट चलता रहेगा।
हम फोन में कई एप्स खोलकर रखते हैं। कई वेबसाइट्स भी खोलते हैं और सर्च करते हैं। ऐसे में उन वेबसाइट्स के नाम पर सेव हो रही कैशे मैमोरी कई बार ज्यादा स्टोर हो जाती है। ऐसे में आपका ब्राउजर स्लो काम करने लगता है और आपको लगता है कि इंटरनेट स्लो हो गया। ऐसे में आप कैशे मैमोरी को समय—समय पर डिलीट करते रहें। इसको आप ब्राउजर की सेटिंग में जाकर कैशे मैमोरी क्लीन कर सकते हैं। कैशे क्ल्यिर होने के बाद आपका ब्राउजर सही तरीके से और फास्ट काम करने लगेगा।
कई बार देखने में आता है कि एक कमरे में तो वाई—फाई अच्छे से काम कर रहा है लेकिन दूसरे कमरे में उसकी स्पीड कम हो जाती है। यह समस्या आपके फोन की नहीं बल्कि वाई—फाई मॉडम या राउटर के प्लेसमेंट की है। मॉडम को सही जगह न रखने की वजह से भी ऐसा हो सकता है। इस बात का ध्यान रखें कि राउटर या मॉडम से निकलने वाली वेव्स दीवार या दरवाजों के वजह से न रूके।
कई बार मोबाइल में सॉफ्टवेयर अपडेट न करने की वजह से भी वाई—फाई की स्पीड कम हो जाती है। अगर आपके फोन में कोई नया अपडेट आया है तो उसे अपडेट कर लें। अपडेट करने के बाद आपके फोन को रीस्टार्ट जरूर करें। इसके बाद आपके फोन में वाई—फाई की स्पीड सही हो जाएगी।
हम अपने मोबाइल को डैमेज से बचाने के लिए उस पर कवर लगाते हैं। लेकिन कई बार ये कवर भी आपकी इंटरनेट स्पीड को स्लो कर सकते हैं। दरअसल, मेटल कवर या हार्ड प्लास्टिक शैल फोन के एंटिना बैंड्स को ढक लेती है। ऐसे में कई बार वाई-फाई वेव्स भी डिस्ट्रॉट हो जाती है, जिससे इंटरनेट की स्पीड धीमी पड़ जाती है।