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“PM Modi का PAN, मस्क का Aadhaar” ChatGPT पर कहीं आपका भी आधार-पैन तो नहीं बन रहा

Chatgpt aadhaar card misuse: चैटजीपीटी से आधार कार्ड और पैन कार्ड बनाया जा रहा है। एआई से इस तरह से आधार व पैन का बनना डेटा सिक्टोरिटी को लेकर सवाल खड़ा कर रहा है।

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chatgpt Aadhaar and PAN card: चैटजीपीटी से बनाया गया आधार व पैन कार्ड की फोटो

Chatgpt Aadhaar Card, PAN Card : एआई (AI) ने सबकुछ कितना आसान कर दिया है। रिसर्च, आर्ट जैसे काम को चुटकी में कर रहा है। अब तो चैटजीपीटी पर आधार कार्ड, पैन कार्ड भी बन रहे हैं। इसको लेकर सोशल मीडिया पर कई लोगों ने पोस्ट शेयर किए हैं। साथ ही हमने (पत्रिका) ने भी चैटजीपीटी (ChatGPT) पर इसको लेकर रिसर्च किया तो पाया कि यहां पर फेमस हस्तियों के नाम देकर के आधार कार्ड (Chatgpt Aadhaar Card) पैन कार्ड (Chatgpt PAN Card) आदि बनाए जा रहे हैं। ये सरकारी दस्तावेजों के मिसयूज, साइबर क्राइम, डुप्लीकेट आधार-पैन (AI Generated Aadhar and PAN) बनाने के लिए जरिया बनता दिख रहा है।

Photo: पीएम मोदी का ChatGPT ने बनाया सैंपल आधार कार्ड

Chatgpt aadhaar card misuse : चैटजीपीटी आधार कार्ड मिसयूज

Chatgpt aadhaar and PAN card misuse : चैटजीपीटी पर आधार कार्ड बनाने के लिए जब इनपुट दिए जा रहे हैं तो उसी अनुसार यहां पर आधार कार्ड बन जा रहा है। एक नहीं कई यूजर्स ने AI से इस तरह फोटो बनाकर शेयर की है। साथ ही आधार पैन मिसयूज को लेकर सवाल भी खड़ा किया है।

AI आधार या पैन कार्ड से साइबर रिस्क है क्या?

AI आधार या पैन कार्ड से साइबर रिस्क को लेकर सोशल मीडिया पर अलग-अलग रिएक्शन मिल रहे हैं। कई यूजर्स ने ये भी लिखा है कि पहले से ही इंटरनेट पर आधार कार्ड और पैन कार्ड के सैंपल मौजूद हैं। ऐसे में चैटजीपीटी या अन्य एआई उसी आधार पर जेनरेट कर रहा है तो खतरा कैसा। हालांकि, पहले से मौजूद सैंपल हो या फिर एआई से बने, दोनों ही प्रकार की चीजों से डेटा सिक्योरिटी का खतरा तो दिख रहा है।

VIDEO: साइबर क्राइम पर देखिए ये खास वीडियो

इंटरनेट पर मौजूद आधार पैन सैंपल से साइबर रिस्क

इस बात को किसी और से पूछने की बजाय हमने चैटजीपीटी से ही समझना चाहा। आखिर इस तरह के सैंपल से साइबर क्राइम का किस तरह का खतरा होता है। देखिए चैटजीपीटी ने क्या जवाब दिया है-

ChatGPT का जवाब- हाँ, इंटरनेट पर आधार कार्ड के सैंपल डालने या साझा करने से साइबर सुरक्षा का खतरा हो सकता है। अगर कोई असली आधार कार्ड की जानकारी ऑनलाइन शेयर करता है, तो साइबर अपराधी इसे गलत तरीके से इस्तेमाल कर सकते हैं।

कैसे साइबर अपराध हो सकते हैं?

1 - आधार नंबर का दुरुपयोग-

  • आधार नंबर का इस्तेमाल करके फर्जी KYC किया जा सकता है।
  • फर्जी बैंक खाते खोलने या लोन लेने के लिए इसका इस्तेमाल हो सकता है।

2- फेक आईडी बनाना

  • आधार कार्ड की क्लोनिंग करके अपराधी फर्जी आईडी प्रूफ बना सकते हैं।
  • इसे सिम कार्ड, बैंक अकाउंट, और ऑनलाइन प्लेटफॉर्म पर इस्तेमाल किया जा सकता है।

3- सिम स्वैप फ्रॉड

  • आधार नंबर और नाम का इस्तेमाल करके सिम स्वैप फ्रॉड किया जा सकता है।
  • अगर अपराधी मोबाइल नंबर चुरा लें, तो बैंक OTP भी एक्सेस कर सकते हैं।

4- डार्क वेब पर डाटा बेचना

  • अपराधी आधार कार्ड की जानकारी डार्क वेब पर बेच सकते हैं।
  • यह जानकारी फिशिंग, स्पैमिंग और अन्य धोखाधड़ी के लिए इस्तेमाल हो सकती है।

(नोट- 1 से लेकर 4 नंबर तक के जवाब चैटजीपीटी ने दिए हैं।)

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डुप्लीकेट आधार या पैन बनाना आसान?

एआई HD लेवल और बेहतर तरीके से LOGO बनाकर दे देता है। इसमें सिर्फ डेटा डालकर एकदम ऑरिजनल दिखने वाला आधार या पैन आसानी से बनाया जा सकता है। ऐसे में डुप्लीकेट आधार या पैन को बनाना आसान हो सकता है।

AI Grok से भारत सरकार ने मांगा है जवाब

कुछ दिन पहले सोशल मीडिया एक्स पर AI Grok लॉन्च किया गया। जिसके बाद लोगों ने AI Grok से खूब सवाल पूछे और ग्रोक ने मजेदार व गाली की भाषा में जवाब दिए। इसके बाद सरकार के निशाने पर आया और नोटिस भेजकर उनसे जवाब मांगा गया है।