टेक्नोलॉजी

बुलेट ट्रेन का लोगो डिजाइन करने से पहले 32 बार विफल हुए चक्रधर

सफल लोग अपनी जीत से पहले कई बार विफलता का स्वाद चख चुके होते हैं। विफलताओं के बावजूद हार न मानने का जज्बा ही उन्हें सामान्य लोगों की श्रेणी से अलग खड़ा करता है। अपनी नाकामयाबियों को सफलता की सीढ़ी बनाने का ऐसा ही हुनर 31 वर्षीय चक्रधर अल्ला में भी है।

Jul 11, 2021 / 12:55 pm

Mohmad Imran

बुलेट ट्रेन का लोगो डिजाइन करने से पहले 32 बार विफल हुए चक्रधर

बन गए ‘लोगो मैन’
किसी उत्पाद, सेवा या वस्तु का लोगो डिजाइन करना चक्रधर का पैशन है। अपनी इसी धुन के कारण परिवार और दोस्तों में वे ‘लोगो मैन’ (Logo Man) के नाम से पहचाने जाते हैं। वर्ष 2017 में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ डिजाइन (एनआइडी), अहमदाबाद में द्धितीय वर्ष में पढ़ने के दौरान चक्रधर ने जापान के सहयोग से क्रियान्वित हो रही भारत की पहली बुलेट ट्रेन का लोगो डिजाइन किया और प्रतियोगिता भी जीत ली।

32 प्रतियोगिताओं में रहे विफल
हालांकि, किसी लोगो प्रतियोगिता में चक्रधर का यह 33वां प्रयास था। मूल रूप से आंध्र प्रदेश के रहने वाले चक्रधर इससे पहले तीन वर्षों में ‘स्वच्छ भारत अभियान’ और ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ सहित लोगो डिजाइनिंग की करीब 32 प्रतियोगिताओं में भाग ले चुके थे। उन्हें जीत तो हासिल नहीं हुई लेकिन अनुभव काम आया। एनआइडी में पढ़ाई करने के दौरान ‘नेशनल हाई स्पीड रेल कॉर्पोरेशन लिमिटेड’ (NHSRCL) ने महत्त्वाकांक्षी बुलेट ट्रेन लोगो प्रतियोगिता की घोषणा की। चक्रधर ने करीब चार सप्ताह में लोगो डिजाइन कर भेज दिया। जून 2017 में उनके डिजाइन किए लोगो को प्रथम पुरस्कार मिला।

बुलेट ट्रेन का लोगो डिजाइन करने से पहले 32 बार विफल हुए चक्रधर

डिजाइन के पीछे का आइडिया
बकौल चक्रधर, ‘मैंने केंद्र सरकार के आधिकारिक पोर्टल पर शुरू हुए तकरीबन हर डिजाइन प्रतियोगिता में हिस्सा लिया है। डिजिटल प्लेटफॉर्म के कारण हजारों लोगों को अपनी काबिलियत साबित करने का अवसर मिल रहा है। ऐसी किसी भी प्रतियोगिता में हिस्सा लेना आसान हो गया है। किसी भी लोगो को डिजाइन करते समय दिशा-निर्देशों और लोगो की जरूरतों को ध्यान में रखना जरूरी है। डिजाइन प्रभावी और आसानी से समझ में आने वाला हो। मैंने अपने डिजाइन में देश की इस हाई स्पीड ट्रेन के कई पहलुओं को समाहित किया है। डिजाइन दिखने में बेहद सरल है लेकिन इसमें गहरे अर्थ छिपे हैं। मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलने वाली बुलेट ट्रेन की शुरुआत के लिए 2023 की डेडलाइन तय की गई है। इस दिन का बेसब्री से इंतजार है। चक्रधर का मानना है कि देश के विकास के लिए नवाचार और शोध का बढ़ावा देना जरूरी है। वे वर्तमरान में भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आइआइटी), हैदराबाद से पीएचडी कर रहे हैं।

बुलेट ट्रेन का लोगो डिजाइन करने से पहले 32 बार विफल हुए चक्रधर

चक्रधर के लोगो की मुख्य विशेषताएं
1. लोगो को करीब से देखने पर ट्रेन की आकृति नजर आती है।
2. लोगो के बिंदु, स्टेशन और संबंधित मार्ग को दर्शाते हैं।
3. चीता की तेज गति विश्वसनीयता और भरोसे का प्रतीक है।
4. लोगो उकेरे गए रेल नेटवर्क के साथ ही किसी पारंपरिक ट्रेन का मानचित्र भी प्रदर्शित करता है।
5. नीला रंग भरोसे के लिए और लाल रंग ऊर्जा और उत्साह दिखाने के लिए इस्तेमाल किया जबकि स्लेटी रंग तकनीकी दक्षता दिखाता है।

(जैसा पत्रिका संवाददाता निखिल कुमार को बताया)

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