चलेगी 28 हजार वर्ष तक
पिछले दिनों कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने ऐसी ही बैटरी बनाने का दावा किया है, जिसे एक बार फुल चार्ज करने पर उसे 28 हजार साल तक चार्ज करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। मतलब अगर आप उस बैटरी को अपने स्मार्टफोन या घडी में लगा दें तो बैटरी 28 हजार साल तक डिस्चार्ज नहीं होगी। ये बैटरी NDB कंपनी ने बनाई है। इस बैटरी को एक आर्टिफिशियल डायमंड के छोटे से बॉक्स में कार्बन 14 न्यूक्लियर वेस्ट में फंसाकर बनाया गया है।
पिछले दिनों कैलिफोर्निया की एक कंपनी ने ऐसी ही बैटरी बनाने का दावा किया है, जिसे एक बार फुल चार्ज करने पर उसे 28 हजार साल तक चार्ज करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। मतलब अगर आप उस बैटरी को अपने स्मार्टफोन या घडी में लगा दें तो बैटरी 28 हजार साल तक डिस्चार्ज नहीं होगी। ये बैटरी NDB कंपनी ने बनाई है। इस बैटरी को एक आर्टिफिशियल डायमंड के छोटे से बॉक्स में कार्बन 14 न्यूक्लियर वेस्ट में फंसाकर बनाया गया है।
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इस बैटरी को सेल्फ चार्जिंग बैटरी भी कहा जाता है। कंपनी का कहना है कि इस बैटरी से फोन, घड़ी, लैपटॉप, कैमरा, मॉनीटर्स के अलावा कई तरह के इलेक्ट्रिक उपकरण चला सकते हैं। साथ ही कंपनी का दावा है कि यह बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके ऊपर रेडियोएक्टिव हीरे से एक लेप लगाया गया है। इस लेप की वजह से यह बैटरी कभी लीक नहीं होगी। इसमें लगे हीरे और कार्बन के रिएक्शन की वजह से बिजली बैटरी के अंदर ही स्टोर होगी।
इस बैटरी को सेल्फ चार्जिंग बैटरी भी कहा जाता है। कंपनी का कहना है कि इस बैटरी से फोन, घड़ी, लैपटॉप, कैमरा, मॉनीटर्स के अलावा कई तरह के इलेक्ट्रिक उपकरण चला सकते हैं। साथ ही कंपनी का दावा है कि यह बैटरी पूरी तरह से सुरक्षित है। इसके ऊपर रेडियोएक्टिव हीरे से एक लेप लगाया गया है। इस लेप की वजह से यह बैटरी कभी लीक नहीं होगी। इसमें लगे हीरे और कार्बन के रिएक्शन की वजह से बिजली बैटरी के अंदर ही स्टोर होगी।
बिजली भी मिल सकेगी
कंपनी का कहना है कि 28 हजार साल चलने वाली इस बैटरी से लोगों को काफी फायदा होगा। अगर इस बैटरी को कंप्यूटर चिप्स में लगा दिया जाए तो इससे काफी फायदा होगा। साथ ही कंपनी का दावा है कि इससे लोगों को बिजली भी मिल सकेगी और इस बैटरी के जरिए लोग अपने घरों में बिजली जला सकेंगे।
कंपनी का कहना है कि 28 हजार साल चलने वाली इस बैटरी से लोगों को काफी फायदा होगा। अगर इस बैटरी को कंप्यूटर चिप्स में लगा दिया जाए तो इससे काफी फायदा होगा। साथ ही कंपनी का दावा है कि इससे लोगों को बिजली भी मिल सकेगी और इस बैटरी के जरिए लोग अपने घरों में बिजली जला सकेंगे।
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कंपनी का कहना है कि इस बैटरी की जरूरत मेडिकल जगत में भी है। कंपनी का कहना है कि पेसमेकर और ट्रांसप्लांट जैसे जीवनरक्षक उपकरण बैटरी पर ही चलते है। इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है। अगर इन उपकरणों में यह बैटरी लगा दी जाए तो ऐसा करने की नौबत नहीं पड़ेगी।
कंपनी का कहना है कि इस बैटरी की जरूरत मेडिकल जगत में भी है। कंपनी का कहना है कि पेसमेकर और ट्रांसप्लांट जैसे जीवनरक्षक उपकरण बैटरी पर ही चलते है। इन्हें बार-बार बदलना पड़ता है। अगर इन उपकरणों में यह बैटरी लगा दी जाए तो ऐसा करने की नौबत नहीं पड़ेगी।