बड़े स्कैम का खुलासा
बता दें कि पहले भी कई बार एक ही IMEI पर एक से ज्यादा स्मार्टफोन चलने के मामले सामने आए हैं। लेकिन इस बार खेल बहुत बड़ा है। दरअसल, यूपी के मेरठ में एक ही IMEI नंबर पर 13,000 फोन चलने का मामला सामने आया है। मामला एक चाइनीज कंपनी से जुड़ा है। इस कंपनी की ओर से भारत में बेचे जा रहे स्मार्टफोन्स में से करीब 13 हजार फोन्स में एक ही IMEI नंबर था।
बता दें कि पहले भी कई बार एक ही IMEI पर एक से ज्यादा स्मार्टफोन चलने के मामले सामने आए हैं। लेकिन इस बार खेल बहुत बड़ा है। दरअसल, यूपी के मेरठ में एक ही IMEI नंबर पर 13,000 फोन चलने का मामला सामने आया है। मामला एक चाइनीज कंपनी से जुड़ा है। इस कंपनी की ओर से भारत में बेचे जा रहे स्मार्टफोन्स में से करीब 13 हजार फोन्स में एक ही IMEI नंबर था।
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बता दें कि IMEI स्मार्टफोन की पहचान होती है। सभी डिवाइसेज के इंटरनेशनल मोबाइल एक्विपमेंट आइडेंटिटी यानि IMEI नंबर अलग-अलग होते हैं। प्रत्येक डिवाइस जो वायरलेस कनेक्शन से जुड़ सकता है, उसे एक खास पहचान दी जाती है। IMEI नंबर किसी डिवाइस के नाम जैसा होता है, जिससे उसे (सिम ना लगे होने पर भी) पहचाना जा सकता है। वहीं कई स्मार्टफोन्स में एक जैसा IMEI नंबर होने से उन्हें अलग-अलग नहीं पहचाना जा सकता। साथ ही किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में भी ऐसे फोन्स का इस्तेमाल हो सकता है।
बता दें कि IMEI स्मार्टफोन की पहचान होती है। सभी डिवाइसेज के इंटरनेशनल मोबाइल एक्विपमेंट आइडेंटिटी यानि IMEI नंबर अलग-अलग होते हैं। प्रत्येक डिवाइस जो वायरलेस कनेक्शन से जुड़ सकता है, उसे एक खास पहचान दी जाती है। IMEI नंबर किसी डिवाइस के नाम जैसा होता है, जिससे उसे (सिम ना लगे होने पर भी) पहचाना जा सकता है। वहीं कई स्मार्टफोन्स में एक जैसा IMEI नंबर होने से उन्हें अलग-अलग नहीं पहचाना जा सकता। साथ ही किसी भी तरह की अवैध गतिविधि में भी ऐसे फोन्स का इस्तेमाल हो सकता है।
कंपनी ने बताई यह वजह
बता दें कि इस चाइनीज कंपनी को ऐसा करने पर भी क्लीन चिट मिल गई है। कंपनी ने इस मामले में अपने बचाव में कहा कि ऐसा एक टेक्निकल ग्लिच की वजह से हुआ है। बता दें कि कंपनी को क्लीन चिट इसलिए मिल गई क्योंकि भारत का मौजूदा IT एक्ट ऐसा करने को अपराध नहीं मानता। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस (DoT) का कहना है कि सामने आए मामले पर एक्शन लेने के लिए कोई यूनिफॉर्म गाइडलाइन्स नहीं हैं।
बता दें कि इस चाइनीज कंपनी को ऐसा करने पर भी क्लीन चिट मिल गई है। कंपनी ने इस मामले में अपने बचाव में कहा कि ऐसा एक टेक्निकल ग्लिच की वजह से हुआ है। बता दें कि कंपनी को क्लीन चिट इसलिए मिल गई क्योंकि भारत का मौजूदा IT एक्ट ऐसा करने को अपराध नहीं मानता। डिपार्टमेंट ऑफ टेलिकम्युनिकेशंस (DoT) का कहना है कि सामने आए मामले पर एक्शन लेने के लिए कोई यूनिफॉर्म गाइडलाइन्स नहीं हैं।
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ऐसे में यूजर्स को ही इस मामले में सतर्क रहने की आवश्यकता है। मान लिजिए आपके स्मार्टफोन का जो IMEI नंबर है, अगर वही नंबर किसी अन्य के स्मार्टफोन में भी है और वह गलत काम करता है तो आप पकड़े जा सकते हैं। ऐसे में यूजर्स को नया फोन खरीदने के बाद कंपनी की ऑफिशियल साइट पर IMEI नंबर वेरिफाइ कर लेना चाहिए।
ऐसे में यूजर्स को ही इस मामले में सतर्क रहने की आवश्यकता है। मान लिजिए आपके स्मार्टफोन का जो IMEI नंबर है, अगर वही नंबर किसी अन्य के स्मार्टफोन में भी है और वह गलत काम करता है तो आप पकड़े जा सकते हैं। ऐसे में यूजर्स को नया फोन खरीदने के बाद कंपनी की ऑफिशियल साइट पर IMEI नंबर वेरिफाइ कर लेना चाहिए।