ये भी पढ़ें: Airtel और Vodafone को हुआ 74000 करोड़ का नुकसान, बना कारोबारी इतिहास का सबसे बड़ा घाटा AGR से बढ़ी और मुश्किलें कर्ज और तिमाही नतीजो के बाद अब कंपनी की AGR यानी एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू संबधी 44,200 करोड़ रुपए की देनदारी और बढ़ सकती है। जिससे कंपनी को अतिरिक्त प्रोविजनिंग करनी पड़ेगी जिसका सीधा असर कंपनी के बैलेंस शीट पर दिखेगा। बाजार के जानकारों के मुताबिक अगर ऐसा होता है तो कंपनी पर ताला लगने का खतरा भी मंडरा सकता है।
ये भी पढ़ें: अब Vodafone की स्थिति नाजुक, कंपनी का भविष्य अधर में – वोडाफोन सीईओ 54,200 करोड़ हो सकती है देनदारी ब्रोकरेज फर्म क्रेडिट सुइस के मुताबिक वोडाफोन आइडिया की AGR संबंधी देनदारी 54,200 करोड़ रुपये रह सकती है। क्रेडिट सुइस का कहना है कि ऐसे में टेलीकॉम कंपनी को 10,100 करोड़ रुपये की अतिरिक्त प्रोविजनिंग AGR के लिए करनी पड़ेगी। पहले से ही घाटे की मार झेल रही वोडाफोन आइडिया के लिए ये एक और नई मुसीबत खड़ी कर सकता है।
ये भी पढ़ें: बिकने जा रही है दुनिया की दिग्गज कंप्युटर हार्डवेयर कंपनी HP, 2700 करोड़ डॉलर में Xerox करेगी डील निवेश पर बड़ा बयान भारत में टेलिकॉम सेक्टर की मौजूदा हालात पर वोडाफोन आइडिया के सीईओ निक रीड ने अभी हाल ही बयान दिया था कि कंपनी अब भारत में नया निवेश करने के लिए सक्षम नहीं है। हालांकि बाद में रीड ने कहा था कि मेरे बयान को गलत तरीके से पेश किया और उसपर उन्होंने पीएम को पत्र लिखकर माफी भी मांगी। आपको बता दें कि जियो से निपटने के लिए और अपनी स्थिति को बेहतर करने के लिए वोडाफोन और आइडिया ने हाथ मिलाकर एक नई कंपनी वोडाफोन आइडिया का गठन किया था। लेकिन इसके बावजूद भी कंपनी की मुश्किलें कम होने की बजाय लगातार बढ़ती जा रही है।