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यह दिया आदेश
एनसीएलएटी के चेयरमैन न्यायमूर्ति एसजे मुखोपाध्याय की अध्यक्षता वाली दो न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि इस फैसले से आरओसी पर कोई आक्षेप नहीं लगता है। पीठ ने इस मामले में अपना आदेश शुक्रवार को सुरक्षित रखा था और कहा था कि वह स्पष्ट करेगा कि इसके आदेश में आरओसी के सार्वजनिक से निजी के रूप में टाटा संस के परिवर्तन की अनुमति को ‘अवैध’ कहने से आरओसी पर कोई आक्षेप नहीं लगता है।
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मुखोपाध्याय ने कहा कि एनसीएलएटी सिर्फ स्पष्ट कर सकता है, फैसले को बदल नहीं सकता है। एनसीएलएटी ने अपने फैसले में साइरस मिस्त्री को टाटा संस के अध्यक्ष के पद पर बहाल करने का आदेश दिया है और साथ ही आरओसी को कंपनी को सार्वजनिक कंपनी के रूप में सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।