नियामकीय फाइलिंग में आरआईएल ने कहा कि असाधारण आइटम्स को छोड़कर कुल लाभ 3.7 फीसदी बढ़कर 10,813 करोड़ रुपए यानी 1.4 अरब डॉलर हो गया है। असाधारण आइटम्स सहित कुल लाभ 37.2 फीसदी घटकर 6,546 करोड़ यानी 0.9 अरब डॉलर हो गया। रिलायंस के अनुसार असाधारण आइटम्स पर खर्च वित्त वर्ष 2020 की चौथी तिमाही में 4,267 करोड़ रुपए रहा, जो मुख्य रूप से कोविड-19 के प्रभाव और लाइसेंस फी के लिए इनक्रीमेंटल दायित्व के कारण हुआ।
वहीं बात रिलायंस जियो की करें तो वित्तीय वर्ष 2019-20 की जनवरी-मार्च तिमाही के लिए साल-दर-साल आधार पर शुद्ध लाभ में 177.5 फीसदी की वृद्धि दर्ज की। पिछले वित्त वर्ष चौथी तिमाही में शुद्ध लाभ बढ़कर 2,331 करोड़ रुपए हो गया, जो वित्त वर्ष 2018-19 की इसी अवधि के दौरान के शुद्ध लाभ से 840 करोड़ रुपए अधिक है। स्टैंडअलोन शुद्ध लाभ 2,331 करोड़ रुपए : यह एजीआर बकाया पर 31 करोड़ रुपए के प्रत्यावर्तन से संबंधित प्रावधान की तिमाही के दौरान की असाधारण आय है।
रिलायंस इंडस्ट्रीज के बोर्ड ने 1,257 रुपए प्रति शेयर के हिसाब से 53,125 करोड़ रुपए तक के राइट्स इश्यू को म्।मंजूरी दे दी है। आरआईएल ने नियामकीय दाखिले में कहा है कि 30 अप्रैल, 2020 को हुई बोर्ड की बैठक में अन्य मुद्दों के अलावा रिकॉर्ड तिथि जो बाद में अधिसूचित की जाएगी तक कंपनी के पात्र इक्विटी शेयरहोल्डर्स के लिए राइट्स आधार पर कंपनी के 10 रुपए के इक्विटी शेयर को जारी करने पर विचार किया गया और उसे मंजूरी दे दी गई, और इश्यू का आकार 53,125 करोड़ रुपए है। राइट्स एनटाइटलमेंट का अनुपात रिकॉर्ड तिथि पर पात्र शेयरधारकों के प्रत्येक 15 इक्विटी शेयरों के लिए एक इक्विटी शेयर होगा।
इश्यू प्राइस पेमेंट के संबंध में फाइलिंग में कहा गया है कि 25 फीसदी पेमेंट आवेदन पर करनी होगी। बाकी का भुगतान एक या एक से किश्तों में किया जाएगा, जिसे बोर्ड या बोर्ड की समिति द्वारा समय-समय पर तय किया जा सकता है। बोर्ड ने रिकॉर्ड तिथि सहित इश्यू के अन्य नियम और शर्तों को तय करने के लिए एक राइट इश्यू समिति का भी गठन किया है। विश्लेषकों के अनुसार, राइट्स इश्यू कंपनी को कर्जमुक्त बनने की दिशा में आरआईएल के लिए एक बड़ी घटना है।