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रतन टाटा की याचिका
रतन टाटा ने शीर्ष अदालत में दायर अपनी याचिका में कहा कि टाटा संस के चेयरमैन के तौर पर नियुक्ति के लिए मिस्त्री के लिए उनके पारिवारिक व्यवसाय शापूरजी पालोनजी ग्रुप से अलग होना पूर्व शर्त थी। रतन टाटा की याचिका में कहा गया, “विभिन्न मोचरे पर साइरस मिस्त्री, टाटा संस के चेयरमैन होने के बाद भी अपने पारिवारिक व्यवसाय से अलग होने को लेकर अनिच्छुक दिख रहे थे, जो उनके टाटा संस के चेयरमैन के रूप में नियुक्ति की एक पूर्व शर्त थी।”
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संबंध हो गए थे प्रतिकूल
याचिका में कहा गया है कि मिस्त्री के नेतृत्व में विभिन्न मोर्चो पर कमी थी और उनके प्रतिस्थापन के पहले उनके व टाटा ट्रस्ट के बीच संबंध प्रतिकूल हो गए थे। टाटा ने यह भी कहा कि टाटा ट्रस्ट ने दृढ़ता से महसूस किया कि मिस्त्री भविष्य में टाटा संस को मजबूत नेतृत्व प्रदान नहीं कर सकते।