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यह था मामला
अप्रैल के महीने में पेप्सिको इंक पेटेंट आलू की खेती को लेकर गुजरात के 4 किसानों पर मुकदमा दर्ज कराया था। इसके अलावा सभी चारों किसानों से 1.5-1.5 करोड़ रुपए के मुआवजे की मांग भी की थी। पेप्सिको इंक ने किसानों पर आरोप लगाया था कि वो कंपनी के पेटेंट आलू की अवैध खेती कर रहे हैं। आलू की स्नष्ट5 किस्म का इस्तेमाल कंपनी अपने लोकप्रिय प्रोडक्ट लेज चिप्स बनाने के लिए करती है। आलू की इस किस्म में नरमी थोड़ी कम होती है। जिसकी वजह से इन आलुओं का इस्तेमाल चिप्स बनाने के लिए किया जाता है।
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कंपनी की इमेज को हो रहा था नुकसान
वहीं किसानों के खिलाफ पेप्सिको के भारतीय इकाई द्वारा दर्ज कराए गए केस के पर देशभर में सोशल मीडिया पर कंपनी की आलोचना हो रही थी। वहीं दूसरी ओर देश के दूसरे हिस्से के किसान भी कंपनी की आलोचना कर रहे थे। जिसकी वजह से कंपनी की ब्रांड इमेज को काफी चोट पहुंच रही थी। जिसकी धमक कंपनी के हेडक्वॉर्टर अमरीका तक पहुंच रही थी। आपको बता दें कि पेप्सिको के कई प्रोडक्ट भारत में काफी लोकप्रिय हैं।
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आखिर क्यों जरूरी है कंपनी के लिए भारतीय मार्केट
पेप्सिको के लिए भारत एक अहम मार्केट बन गया है। क्योंकि अमरीका और बाकी युरोपीय देशों में कंपनी के प्रोडक्ट्स की सेल काफी मंदी हो गई है। ऐसे में कंपनी के लिए भारत का मार्केट काफी अहम है। जानकारों की मानें तो इस तरह की कार्रवाई से कंपनी को किसान विरोधी मानने से नेगेटिव मैसेज जाने का अंदेशा है। पेप्सिको ने पिछले सप्ताह अहमदाबाद में कोर्ट को बताया था कि उसने अपनी रजिस्टर्ड वेरायटी की गैरकानूनी तरीके से खेती करने वालों को आपसी सहमति से मुद्दा सुलझाने की पेशकश की है।
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