नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने जेट एयरवेज के संस्थापक नरेश गोयल के आवास की तलाशी ली थी, जिसमें उनकी 19 कंपनियों के विवरण मिले हैं। इनमें से 5 कंपनियां विदेश में हैं। इससे यह भी पता चला है कि संदिग्ध लेनदेन के जरिए धन को विदेश भेजकर गबन किया गया।
ईडी ने दिल्ली और मुंबई में 12 स्थानों पर तलाशी ली थी, जिसमें जेट अधिकारियों के परिसर भी शामिल थे। एक वरिष्ठ ईडी अधिकारी ने बताया कि गोयल और उनके लंबे समय से सहयोगी हसमुख गार्दी के घरों पर छापेमारी की गई।
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फेमा के कथित उल्लंघन की जांच
अधिकारियों ने बताया कि तलाशी के दौरान विदेशी कंपनियों को किए गए भुगतान के दस्तावेजों और डिजिटल साक्ष्यों को कब्जे में लिया गया। अधिकारी ने बताया कि एजेंसी जेट एयरवेज और गोयल के खिलाफ विभिन्न सूत्रों से प्राप्त शिकायत के आधार पर फॉरेन एक्सचेंज मैनेजमेंट एक्ट (फेमा) के कथित उल्लंघन की जांच कर रही है।
उन्होंने कहा कि इस साल मार्च में एयरलाइन के अध्यक्ष का पद छोडऩे वाले गोयल की 19 निजी कंपनियां है, जिसमें से 14 भारत में और 5 विदेश में पंजीकृत हैं। अधिकारी ने कहा कि गोयल अप्रत्यक्ष रूप से विदेश में विभिन्न कंपनियों पर नियंत्रण रखते थे, जिसमें से कुछ टैक्स हैवन देशों में हैं।
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दुबई में भारी मात्रा में धन भेजन का आरोप
उन्होंने कहा, “प्राथमिक जांच से पता चलता है कि गोयल ने कर बचाने के लिए घरेलू और विदेशी कंपनियों के बीच कई संदिग्ध लेन-देन किए और धन को देश से बाहर भेज दिया।” उन्होंने कहा, “दुबई में खुद की कंपनी को जेट एयरलाइन के सेल एजेंट बना कर भारी मात्रा में धन भेजा गया, जिसे उसकी सेवाओं की एवज में भारीभरकम रकम का भुगतान किया गया।” अधिकारी ने बताया कि जांच से संकेत मिलता है कि गोयल ने अपने विदेश स्थित बैंक खातों में भारी मात्रा में धन भेजे, जो फेमा का उल्लंघन है।