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स्पेशल कोर्ट ने दिया आदेश
इंफोर्समेंट डायरेक्टरेट और हीरा कारोबारी नीरव मोदी के वकीलों के बीच लंबी बहस चली। जिसके बाद पीएमएलए के जज वीसी बारडे ने नीरव मोदी को भागोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया। नीरव मोदी की ओर से कोर्ट में अर्जी दी गई थी कि ईडी की अपील को खारिज कर दी जाए, लेकिन कोर्ट ने ऐसा नहीं किया। वहीं कोर्ट ने नीरव मोदी की संपत्तियों को जब्त करने का आदेश बाद में देने को कहा है।
लंदन में चल रही है सुनवाई
नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी पीएनबी घोटाले के मुख्य आरोपी हैं। 2018 में सामने इस घोटाले से पहले ही नीरव मोदी और उसके मामा अलग-अलग देशों में सेटल हो चुके थे। जिसके बाद मामा मेहुल चोकसी के एंटीगुआ में होने का पता चला। बाद में लंदन की मीडिया से जानकारी मिली कि नीरव मोदी वहां आराम से रह रहा है। जिसके बाद उसे लंदन पुलिस की ओर से गिरफ्तार कर लिया गया। मौजूदा समय में वो जेल हैं और प्रत्यपर्ण की प्रक्रिया चल रही है।
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किसे और कब किया जाता है भगोड़ा घोषित
भागोड़ा आर्थिक अपराधी एक्ट के तहत, 100 करोड़ या इससे अधिक के आर्थिक अपराध में शामिल आदमी अगर देश छोड़कर भाग जाता है और देश लौटने से इनकार कर देता है तो उसे भगोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित कर दिया जाता है। इस कानून के तहत बिना किसी इजाजत के अपराधियों की संपत्ति जब्त कर और उन्हें बेचकर उधारदाताओं को भुगतान किया जा सकता है। ऐसे आर्थिक अपराधियों के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत मुकदमा चलाया जाता है। आपको बता दें कि इससे पहले शराब कारोबारी को भागोड़ा आर्थिक अपराधी घोषित किया जा चुका है।