कॉर्पोरेट वर्ल्ड

मुकेश अंबानी खरीदेंगे Rcom के असेट्स, SBI ने प्लान को मंजूरी

SBI की ओर से Rcom Resolution plan को मिली मंजूरी
टॉवर और फाइबर बिजनेस पर है मुकेश अंबानी की नजर
दोनों के लिए मुकेश अंबानी ने किए हैं 4700 करोड़ ऑफर

Mar 05, 2020 / 09:00 am

Saurabh Sharma

Mukesh Ambani will buy Rcom assets, SBI approves plan

नई दिल्ली। अनिल अंबानी को मुसीबत से बचाने के लिए एक बार फिर से बड़े भाई मुकेश अंबानी सामने आए हैं। देश के सबसे बड़े उद्योगपति मुकेश अंबनी अपने छोटे भाई अनिल अंबानी की दिवालिया हो चुकी रिलायंस कंयूनिकेशन को खरीदनेजा रहे हैं। जानकारी के अनुसार एसबीआई ने आरकॉम के रेज्यूल्यूशन प्लान को मंजूरी दे दी है। बैंकों को उम्मीद है कि इ प्लान से बैंकों 23 हजार करोड़ रुपए मिल जाएंगे। आपको बता दें कि आरकॉम पर करीब 82 हजार करोड़ रुपए का कर्ज है। मुकेश अंबानी 500 करोड़ रुपए देकर पहले अनिल अंबानी को जेल जाने तक से बचा चुके हैं।

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मुकेश की टॉवर और फाइबर बिजनेस पर नजर
मुकेश अंबानी की रिलायंस कंयूनिकेशन के टॉवर और फादबर बिजनेस पर नजर है। मुकेश अंबानी ने रिलायंस जियो इंफोकॉम के जरिए टॉवर और रिलायंस इंफ्राटेल के लिए 4700 करोड़ रुपए ऑफर किए हैं। वहीं दूसरी ओर यूवी असेट रीकंस्ट्रक्शन कंपनी की ओर से आरकॉम और रिलायंस टेलकॉम के असेट्स के लिए 14700 करोड़ रुपए की बोली लगाई है। आपको बता दें कि ऑरकॉम को 4300 करोड़ रुपए का स्थानीय और चीनी बकाएदारों को चुकाने हैं।

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कंपनी है 82 हजार करोड़ का कर्ज
जानकारों की मानें तो देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के बोर्ड ने आरकॉम के रेज्यूल्यूशन प्लान को हरी झंडी दिखा दी है। रेज्यूल्यूशन प्लान को लेकर आज कमेटी ऑफ क्रेडिटर्स की बैठक होने वाली है। आपको बता दें कि आरकॉम पर सेक्योर्ड कर्ज 33 हजार करोड़ और लेंडर्स की ओर से 49 हजार करोड़ रुपए का दावा किया है।

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जियो नहीं चाहती थी आरकॉम के शेयर्स खरीदना
ताज्जुब की बात तो ये है कि जो जियो आरकॉम के असेट्स को खरीदने की उत्सुकता दिखा रही है, उसी ने पहले इन्हें खरीदने से मना कर दिया था। जिसकी वजह यह बताई गई थी कि कंपनी आरकॉम के कर्ज के नीचे नहीं दबना चाहती है। वास्तव में आरकॉम ने अपने असेट बेचकर कर्ज चुकाने को कहा था। जिसके लिए अनिल अंबानी ने रिलायंस जियो से संपर्क भी किया था, लेकिन यह डील कुछ कारणो से खटाई में पड़ गई। जिसके बाद जियो की ओर से यह बयान आया था। बाद में स्वीडिन की टेलिकॉम कंपनी एरिक्सन ने दिवालिया प्रक्रिया के लिए अपील दायर कर दी थी।

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