26 अक्टूबर को दिया जाएगा पुरस्कार आईसूएफए द्वारा 26 अक्टूबर 2018 को दिल्ली के विज्ञान भवन में एक विशेष कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। इस विशेष कार्यक्रम में उपराष्ट्रपति वेंकैया नायडू भी मौजूद रहेगें और एम. एस. स्वामीनाथन को पुरस्कार से सम्मानित करेंगे। आपको बता दें कि विश्व कृषि पुरस्कार की शुरूआत भारतीय खाद्य एवं कृषि परिषद द्वारा उन लोगों को सम्मानित करने के लिए की गई, जिन्होंने कृषि के माध्यम से मानवता और देश के कल्याण में योगदान दिया है।
स्वामीनाथन एशिया के प्रभावशाली शख्स
प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन को टाइम मैगज़ीन ने 20वीं सदी के 20 सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में से एक के रूप में माना है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने भी कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति लाने में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक (फादर ऑफ इकॉनॉमिक इकॉलोजी) से सम्मानित किया है।
प्रो. एम. एस. स्वामीनाथन को टाइम मैगज़ीन ने 20वीं सदी के 20 सबसे प्रभावशाली एशियाई लोगों में से एक के रूप में माना है। संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम ने भी कृषि के क्षेत्र में हरित क्रांति लाने में उनके योगदान को देखते हुए उन्हें आर्थिक पारिस्थितिकी के जनक (फादर ऑफ इकॉनॉमिक इकॉलोजी) से सम्मानित किया है।
इन पुरस्कार से सम्मानित स्वामीनाथन
प्रो. स्वामीनाथन को कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें प्रमुख हैं- सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार (1971), अल्बर्ट आइंस्टीन वर्ल्ड साइंस अवॉर्ड (1986), प्रथम वर्ल्ड फूड प्राइज़ (1987), वोल्वो, टायलर और यूएनईपी सासाकावा प्राइज़ फॉर एनवायरनमेंट, इंदिरा गांधी प्राइज़ फॉर पीस। इसके अलावा भी एम. एस. स्वामीनाथन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।
प्रो. स्वामीनाथन को कई महत्वपूर्ण पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है जिनमें प्रमुख हैं- सामुदायिक नेतृत्व के लिए रेमन मैगसेसे पुरस्कार (1971), अल्बर्ट आइंस्टीन वर्ल्ड साइंस अवॉर्ड (1986), प्रथम वर्ल्ड फूड प्राइज़ (1987), वोल्वो, टायलर और यूएनईपी सासाकावा प्राइज़ फॉर एनवायरनमेंट, इंदिरा गांधी प्राइज़ फॉर पीस। इसके अलावा भी एम. एस. स्वामीनाथन को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।