यह भी पढ़ेंः- बायोडीजल के रिटेलर को रखना होगा ग्राहक का पूरा रिकॉर्ड, सरकार ने जारी किए दिशा निर्देश
दरअसल भारतीय बीमा विकास एवं विनियामक प्राधिकरण ( इरडा ) के नियमों के तहत बीमा कंपनियां 5 फीसदी से अधिक फंड ए प्लस और उससे कम रेटिंग वाली कंपनियों में नहीं लगा सकते। इसी तरह यूलिप फंड की 75 फीसदी पूंजी एएए रेटिंग और 25 पर्सेंट तक एए प्लस रेटिंग वाली कंपनियों में लगाया जा सकता है। ए प्लस और उससे कम रेटिंग वाली कंपनियों में निवेश की सब-लिमिट 5 फीसदी है। रिलायंस कैपिटल की सहायक कंपनियों रिलायंस होम फाइनेंस लिमिटेड ( आरएचएफएल ) और रिलायंस कॉमर्शियल फाइनेंस लिमिटेड ( आरसीएफएल ) की के्रडिट रेटिंग घटने से अब बीमा कंपनियों को इनमें किए गए निवेश को कहीं और लगाना होगा। कंपनियों ने इरडा से इसके पालन के लिए कुछ और समय मांगा है।
यह भी पढ़ेंः- दवाओं में खामियां मिलने पर कई कंपनियों को नोटिस, दवाओं के बैच वापस लेने को कहा
बता दें कि कई बीमा कंपनियों ने अनिल अंबानी समूह की इन दोनों कंपनियों में उस वक्त निवेश किया था, तब उनकी रेटिंग ऊंची थी। पिछले हफ्ते रेटिंग एजेंसी केयर और इकरा द्वारा इनकी रेटिंग घटाने से बीमा कंपनियों के लिए परेशानी पैदा हो गई है।
Business जगत से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter पर और पाएं बाजार, फाइनेंस, इंडस्ट्री, अर्थव्यवस्था, कॉर्पोरेट, म्युचुअल फंड के हर अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News App.