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इंक42 की रिपोर्ट में कहा गया है कि आनंद ने बताया कि यह बग खातों का नियंत्रण हैकर्स के हाथ में दे सकने वाली भेद्यता से लैस है, जिससे हैकर्स किसी उबर खाते (पार्टनर और उबेर इट्स के खातों समेत) का नियंत्रण अपने हाथ में ले सकते हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, यह बग उबर एप के एपीआई रिक्वेस्ट फंक्शन में मौजूद था।
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उबर के मुताबिक, इस बग को कंपनी के बग बाउंटी प्रोग्राम के तहत तुरंत ठीक कर लिया गया है। कंपनी ने यह भी कहा कि इस प्रोग्राम के तहत दुनिया भर के 600 शोधकर्ताओं (भारत के शोधकर्ताओं समेत) को 20 लाख डॉलर से अधिक की रकम का भुगतान किया गया है। इससे पहले आनंद ने उबर से एक बग को हटाया था, जिसका फायदा उठाकर कोई भी उबर कैब में जीवन भर मुफ्त सफर कर सकता था।