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कॉरपोरेट सेक्टर से जुड़ें हैं करीब 5 लाख मामले
देश में कॉरपोरेट से जुड़े पुराने टैक्स विवाद के करीब 5 लाख मामले पेंडिंग है। जिनकी रकम करीब 8 लाख करोड़ रुपए के आसपास है। अगर योजना कामयाब होती है तो सरकार के लिए राजकोषीय घाटे के लक्ष्य को आसानी से पाएगी और कॉर्पोरेट को भी राहत मिलेगी। आपको बता दें कि पुराने विवादित सर्विस टैक्स और एक्साइज ड्यूटी मामलों के समाधान के लिए सरकार सबका विश्वास स्कीम लेकर आई थी। जिससे सरकार को 30 हजार करोड़ रुपए का फायदा हुआ था।
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ना से हां बेहतर
करीब 8 लाख करोड़ रुपये का डायरेक्ट टैक्स विवादों में फंसा हुआ है। जिसके लिए विभाग काफी समय से संघर्ष कर रहा है। जानकारों की मानें तो टैक्स डिपार्टमेंट 65 फीसदी मामलों में शिकस्त खा जाता है। सूत्रों की मानें तो कंपनियों को कुल बकाया का 40 से 50 फीसदी तक जमा करने के लिए कहा जा सकता है। यानी सरकार को 8 लाख करोड़ रुपए के बदले जो पूरी तरह से मरे हुए हैं उससे 3 से 4 लाख करोड़ रुपए मिल जाएं।