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पोर्टफोलियो चुनने में एनबीएफसी को वरीयता नहीं दे रहे बैंक
अनिल अंबानी ने यह उम्मीद जताई की नवनिर्वाचित सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ( RBI ) इस सेक्टर को तत्काल रूप से सपोर्ट करते हुए तरलता बढ़ाएंगे। इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज ( IL&FS ) रिस्क से बचने के लिए कई बैंक एनबीएफसी को सपोर्ट करने से पीछे हट चुके हैं। ऐसे में इन फर्म्स के पास फंड जुटाने के लिए सिक्योरिटाइजेशन के अतिरिक्त कोई अन्य विकल्प नहीं बचा है। म्यूचुअल फंड्स ने भी लेंडिंग में कटौती कर दी है। अंबानी ने कहा, “बैंक अब बहुत सोच समझकर क्वालिटी पोर्टफोलियो को ही चुन रहे हैं। इस वजह से अब एनबीएफसी और हाउसिंग फाइनेंस कंपनियों के लिए परेशानियां खड़ी हो गई हैं।”
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कर्ज से निपटने के लिए अनिल अंबानी ने अपनाया खास मंत्र
उन्होंने आगे कहा कि बीते 8 महीनों में इन फर्म्स की बैलेंस शीट काफी सिकुड़ चुका है। उन्होंने रिलायंस कैपिटल को लेकर कहा कि वो ‘कर्ज की मौत’ की मंत्र पर काम कर रही है। रिलायंस कैपिटल चालू वित्त वर्ष में स्टेक सेल के जरिए अपने 50 फीसदी कर्ज की चुका रहा है। पिछले माह ही इस फर्म की दो कंपनियों ने छोटी अवधि के कर्ज को डिफॉल्ट किया था। रिलायंस निप्पोन एसेट मैनेजमेंट ने अपने जापानी पार्टनर निप्पोन लाइफ को 43 फीसदी स्टेक की बिक्री कर 6,000 करोड़ रुपए जुटाया है।
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