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एअर इंडिया का स्पष्टीकरण
एअर इंडिया की ओर से सपष्टीकरण जारी करते हुए कहा कि इस मामले का तथ्य यह है कि 57 पायलटों ने बेहतर विकल्प की चाह में वित्तीय मजबूरी का हवाला देते हुए एअर इंडिया की सेवाओं से इस्तीफा दे दिया था। एअर इंडिया ने कहा कि इनमें स्थाई और संविदा पर नियुक्त पायलट शामिल हैं। कुछ पायलटों ने बाद में अपने इस्तीफे वापस ले लिए थे।
एअर इंडिया को अब इन पायलटों की सेवाओं की आवश्यकता नहीं है और इनके इस्तीफे स्वीकार कर लिए गए हैं। बयान के अनुसार इनमें से कुछ पायलटों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है, जिसमें उन्होंने आग्रह किया है कि एअर इंडिया को उनके इस्तीफों को स्वीकार नहीं करने का निर्देश दिया जाए। यह मामला अदालत में विचाराधीन है।
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50 पायलटों को अवैध तरीके से निकाले की खबर
शुक्रवार को एअर इंडिया के चेयरमैन व प्रबंध निदेशक राजीव बंसल को लिखे एक पत्र में भारतीय वाणिज्यिक पायलट संघ ने कहा कि लगभग 50 पायलटों को कंपनी के ऑपरेशन मैनुअल और सेवा नियमों के उल्लंघन में कार्मिक विभाग से अवैध टर्मिनेशन लेटर प्राप्त हुए हैं।
आईसीपीए ने एक ट्वीट में कहा कि क्या हो रहा है? बिना उचित प्रक्रिया अपनाए रातों-रात हमारे लगभग 50 पायलटों की सेवाएं समाप्त कर दी गईं। इस महामारी के समय में राष्ट्र की सेवा करने वालों के लिए यह एक सदमे की बात है। यह भी पता चला है कि दक्षिण में पांच साल पूरे कर चुके कई बेस क्रू के कॉन्ट्रैक्ट का नवीनीकरण नहीं किया जा रहा है। दक्षिणी क्षेत्र में 18 केबिन क्रू की सेवाएं भी समाप्त कर दी गईं हैं।