ये भी पढ़ें- यूपी में एक दिन में रिकॉर्ड 38055 हुए कोरोना संक्रमित, 223 की मौत यह बीमारी एनोफेलीज मादा मच्छर के काटने से होती है। अगर सही समय पर इलाज नहीं हुआ तो यह जानलेवा बन जाती है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार, दुनिया भर में साल 2019 में करीब चार लाख मौतें मलेरिया की वजह से हुई थीं और इसी साल पूरी दुनिया में करीब 23 करोड़ मलेरिया के केस आये थे।
जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार बताते हैं कि इस समय कोरोना संक्रमण फैला हुआ है, इस वायरस से बचने के लिए साफ सफाई ज़रूरी है। वैसे ही मलेरिया से बचने के लिए भी अपने आस-पास साफ सफाई रखना बेहद अहम है। घर के आस-पास पानी को ठहरने नहीं दें क्योंकि रुके हुए पानी में मच्छर अंडे देता है और मच्छर आगे पनपते हैं। वह बताते हैं कि कोरोना संक्रमण कि वजह से मलेरिया टेस्टिंग का काम प्रभावित काफी हुआ है। इस वर्ष 35051 मलेरिया के टेस्ट हुए जिसमें 15 पॉजिटिव निकले और उन्हें उचित इलाज मुहैय्या कराया गया|
ये भी पढ़ें- कानपुर में एक दिन में रिकॉर्ड 476 की अंत्येष्टि, सूर्यास्त के बाद चिता न जलाने की भी टूटी परंपरा मलेरिया की वजह बनने वाले मच्छरों से ऐसे करें बचाव- अपने घर के आस-पास किसी भी तरह का जलभराव न होने दें। ध्यान रहे मच्छर गंदे और साफ पानी दोनों में पनप सकते हैं। मच्छर घरों में खिड़की व दरवाजे के रास्ते घुस जाते हैं। इसलिए दरवाजे और खिड़कियों पर ऐसी जाली लगवाएं, जिससे हवा तो अन्दर आए, लेकिन मच्छर न घुस पायें। घरों की छतों पर रखी पानी की टंकी को ढककर रखें, ताकि मच्छर न पनप पायें। रात में सोने के लिए मच्छरदानी लगा लें। मच्छरों से बचने के लिए यह बेहद आसान, प्रचलित और बेहद सुरक्षित तरीका है। पूरी बांह के कपड़े पहनें।
गाँव में जानवरों के बाड़ों को घर से दूर रखें। यहाँ काफी मच्छर पनप सकते हैं, इसलिए इसमें साफ-सफाई का बहुत ख्याल रखें। खराब टायर, कूलर आदि में पानी जमा होने न दें। संतुलित आहार ले और रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने वाले फल सब्जी खाएं।
यह हैं मलेरिया के लक्षण:- तेज बुखार आना और ठंड लगना, सिरदर्द होना, उल्टी आना।