21 नवम्बर 2018 से लेकर 20 दिसंबर 2018 तक की इस सूची में प्रदेश के सभी 75 जिलों को नामित किया गया है। इसमें लक्षित महिला नसबंदी केसों के आधार पर सूची को तैयार की गई है। इस सूची में ललितपुर को पहला प्रयागराज को दूसरा और झांसी को तीसरा स्थान मिला है। सूची के मुताबिक, महिला नसबंदी कराने वाले टॉप 5 शहरों में सीतापुर (2,042) को चौथा और महाराजगंज जिले को पांचवां स्थान मिला है।
नसबंदी के बाद नहीं आती है यौन इच्छा में कमी
चिकित्सकों ने बताया कि महिलाओं में गर्भधारण को रोकने के लिए फाइलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को नसबंदी कहते हैं। महिलाओं में नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है, जिससे फिर वह भविष्य में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। 40 वर्ष से 45 वर्ष कि महिलाएं या ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा हैं और वह बच्चे नहीं चाहती हैं, नसबंदी करा सकती हैं। नसबंदी कराने के बाद महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। नसबंदी के कारण न तो उनके यौन इच्छा में कमी आती है और न ही महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है। यही कारण है कि महिलाओं के लिए नसबंदी को सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है।
चिकित्सकों ने बताया कि महिलाओं में गर्भधारण को रोकने के लिए फाइलोपियन ट्यूब को ब्लॉक कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को नसबंदी कहते हैं। महिलाओं में नसबंदी एक स्थायी प्रक्रिया है, जिससे फिर वह भविष्य में गर्भधारण नहीं कर पाती हैं। 40 वर्ष से 45 वर्ष कि महिलाएं या ऐसी महिलाएं जिनकी उम्र 30 साल से ज्यादा हैं और वह बच्चे नहीं चाहती हैं, नसबंदी करा सकती हैं। नसबंदी कराने के बाद महिलाओं को किसी प्रकार की परेशानी का सामना नहीं करना पड़ता है। नसबंदी के कारण न तो उनके यौन इच्छा में कमी आती है और न ही महिलाओं के शरीर में हार्मोन के स्तर में गिरावट आती है। यही कारण है कि महिलाओं के लिए नसबंदी को सुरक्षित और फायदेमंद माना जाता है।