सीएम आफिस ने तलब की रिपोर्ट आरोपितों की गिरफ्तारी तेजी से शुरू हुई मगर तब तक मामला तूल पकड़ चुका था। सीएम आफिस ने ललितपुर गैंगरेप कांड की रिपोर्ट तलब कर ली। बुधवार दोपहर एडीजी भानु भास्कर से यह रिपोर्ट मांगी गई। उन्होंने कुछ देर बाद ही जिले पर रेंज व जिले के अफसरों से बात की और प्राथमिक रिपोर्ट भेज दी। इसमें गिरफ्तारियों के अलावा पूरे पाली थाने को लाइनहाजिर करने और इंस्पेक्टर को निलम्बित करने की जानकारी दी। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री कार्यालय से एडीजी जोन को निर्देश दिए गए हैं कि इस मामले में सख्त से सख्त कार्रवाई करें। दोषी कोई भी हो वह बचना नहीं चाहिए।
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दोस्त की विधवा पत्नी पर फेंका तेजाब, पुलिस अर्धनग्न पीड़िता का बनाया वीडियो, हो गया वायरल स्टेशनों के पास ही वारदात क्यों मां के बयान में यह भी कहा है कि जयपुर और भोपाल में रेलवे स्टेशन के पास गलियों में आरोपितों ने बेटी के साथ घटना को अंजाम दिया। एडीजी भानु भास्कर के मुताबिक विवेचना के दौरान पुलिस टीमों को जयपुर और भोपाल भी भेजा जाएगा। वहां पर आरोपित नाबालिग को लेकर कहां रुके थे, इसका पता किया जाएगा। पुलिस वहां सीसी टीवी फुटेज निकालने का प्रयास करेगी। जिन लोगों ने आरोपितों और नाबालिग को वहां देखा था, उनसे पूछताछ की जाएगी। उन्हें इस मामले में गवाह बनाया जाएगा।
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मां के लिए तो नहीं लेकिन किसके लिए रो पड़े मुख्यमंत्री योगी, बोलने को नहीं मिले शब्द महिला सिपाहियों की जगह खुद की पूछताछ प्राथमिक जांच में इंस्पेक्टर तिलकधारी सरोज की कई हरकतें गैरकानूनी पाई गई हैं। उसने 26 अप्रैल को किशोरी के थाने पहुंचने पर न रिपोर्ट दर्ज की न आरोपितों पर कार्रवाई की। किशोरी का मेडिकल भी नहीं कराया। उसे माता पिता के बजाए मौसी की सुपुर्दगी में सौंप दिया। थाने में महिला सिपाहियों के होने के बावजूद खुद पूछताछ की। उसे नियम विरुद्ध रात भर थाने में रखा। इन सभी बिंदुओं और एफआईआर के आरोपों के मद्देनजर डीआईजी सघन जांच कर रहे हैं।
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अगर आपकी भी है शादी तो यहां करे आवेदन, सरकार दे रही 20 से 35 हजार की धनराशि यह था मामला थाना पाली क्षेत्र निवासी पीडि़ता की मां के मुताबिक किशोरी को 22 अप्रैल को चार स्थानीय लोग बहला कर ले गए थे। उसे भोपाल ले जाकर चारों ने दुष्कर्म किया। 23 अप्रैल को एसपी से शिकायत की। 26 अप्रैल को चारो उसकी बेटी को मौसी गुलाबबाई के घर ले गए। वहां से थाने लाए। पुलिस ने बच्ची को माता-पिता के बजाए मौसी को सौंप दिया। 27 अप्रैल को इंस्पेक्टर ने किशोरी को बुलाया और थाने में दुष्कर्म किया। एसपी ने छानबीन शुरू कराई तो 30 अप्रैल को इंस्पेक्टर ने पीडि़ता को चाइल्ड लाइन के सुपुर्द कर दिया। जहां किशोरी ने आपबीती बयां की।