कांग्रेस के चरित्र में है दोहरापन, प्रियंका गांधी व राहुल गांधी पर बरसे सिद्धार्थनाथ सिंह जानकारी के अनुसार, जनपद की सुदूर तहसील मडावरा में यूपी-एमपी सीमा पर बसे ग्राम पंचायत कुरटं के गांव लखंजर निवासी किसान नवयुवक गाेपाल यादव (26 वर्ष) पुत्र माखन यादव ने डीजल पेट्रोल की बढ़ती कीमतों को देखते हुए अपने इलाके के किसानों की परेशानियों को दूर करने के लिए एक नया जुगाड़ किया। उसने खेती में पानी देने के लिए काम आने वाले डीजल इंजन को देशी जुगाड़ करके एलपीजी गैस से चलाने में सफलता हासिल की है। जिसका खर्च महज करीब 18 रुपए से भी कम आता है।
किसानों को मिलेगी राहत :- गाेपाल यादव का कहना है कि, इस तकनीकी से किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। डीजल की बढ़ती कीमतों से भी छुटकारा मिलेगा। किसान के बेटे के इस जुगाड से किसानों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है क्योंकि किसानों को खेती किसानी करने के लिए अपना डीजल इंजन इस्तेमाल करने के लिए महंगी दरों पर डीजल खरीदना पड़ता था, जिससे खेती का बजट बढ़ जाता था लेकिन अब इस देसी जुगाड़ से किसानों को राहत मिलने की संभावना जताई जा रही है।
एक घंटे सिंचाई की लागत सिर्फ 17.50 रुपए :- गाेपाल यादव का बताते हैं कि, सिलेंडर में 14.20 किलो रसोई गैस से लगातार 38 घंटे इंजन चलाकर खेत सींचा जासकता है। इस वक्त रसोई गैस सिलेंडर की कीमत 750 रुपए है। इस हिसाब से अगर एक रसोई गैस सिलेंडर से 38 घंटे इंजन चलाया जा सकता है तो एक घंटे की लागत करीब 17.50 रुपए आता है, जबकि डीजल से चार गुना अधिक खर्च लगता है।
खेती ही आय का साधन :- जुगाडकर्ता गोपाल यादव ने बताया कि, उसने बीए तक पढ़ाई की है और गांव में लोगों को विज्ञान की नई तकनीक से जागरूक करता हूं। पढ़ाई छोड़ने के बाद अपने पिता परिवार के घर के कामकाज में हाथ बटाता हूं। दो एकड़ खेती ही परिवार की आय का साधन है।
कामयाबी मिली :- डीजल महंगा होने से परेशान गोपाल लगातार सोचता रहता था कि कैसे इस बढ़ते खर्चे को कम किया जाए। गोपाल यादव ने बताया कि, कुछ नया करने का सोच रहा था। मन आया कि जब पेट्रोल, डीजल और सीएनजी से इंजन चल सकते हैं तो एलपीजी रसोई गैस से क्यों नहीं। एकाएक आए विचार को साकार करने के लिए घर से रसोई गैस सिलेंडर लेकर सीधे खेत पहुंचा। इंजन स्टार्टकर मन में आए ख्याल को मूर्तरूप देने में जुट गया। करीब एक घंटे की मशक्कत के बाद कामयाबी मिल गई। यह देख में खुद दंग रह गया। इंजन बिना किसी दिक्कत के एलपीजी से चलने लगा। यहां तक धुंआ भी नहीं निकल रहा था।
यह है तरीका:- तरीका बताते हुए गोपाल यादव ने बताया कि, पहले इंजन को चालू करने के लिए डीजल का प्रयोग किया जाता है। फिर ईयर क्लींजर में गैस सिलेंडर रेगुलेटर की नली को उसके अंदर नेजूल से फिक्स कर दिया जाता है। इससे लगातार इंजन चलता रहता है। रेगुलेटर की मदद से गैस आपूर्ति कम और ज्यादा कर स्पीड भी नियंत्रित की जा सकती है।