खुदाई के दौरान निकलती हैं मूर्तियां सीरोन गांव में खुदाई के दौरान या खेत में सिंचाई के दौरान पुरातन मूर्तियां और उसके अवशेष निकलते हैं। दरअसल, ये गांव चंदेल काल में बसा था। चन्देल काल के बावड़ी और मन्दिर आज भी सीरोन में मौजूद हैं। हालांकि, देखरेख के अभाव में मन्दिर अब खण्डर में तब्दील हो चुका है। ग्रामीणों के अनुसार सिरोंन गांव का पुराना नाम शीतलगढ़ है। चन्देल काल मे यह गांव मूर्तियों के कारीगरों के रुप में प्रसिद्ध था क्योंकि इस गांव में मूर्ति बनाने वाले कारीगर अधिक मात्रा में रहते थे। गांव के पुराने परकोटे के अन्दर जब भी ग्रामीण मकान बनाने के लिए नीव खोदते, तो मूर्तियां और अवशेष निकलते। खुदाई की बाद निकली इन मूर्तियों को ग्रामीण एक जगह इकट्ठा कर देते हैं। इन मूर्तियों की बाद में पूजा की जाती है।
मूर्तियां व्यवस्थित करने की मांग गांव निवासी महीप सिंह यादव और अटल सिंह ने बताया कि यह गांव बहुत प्राचीन है। जहां भी खुदाई की जाती है, वहां मूर्तियां और उनके अवशेष निकलते हैं। मगर सरकार का इस ओर कोई ध्यान नहीं जाता। यह प्राचीन मठ जीर्ण-शीर्ण होकर गिरने की कगार पर है। उन्होंने बताया कि इसकी सुरक्षा और मूर्तियों को व्यवस्थित करने की मांग सरकार से की गई है, ताकि यहां का इतिहास बचा रहे।