निकाय चुनाव में सबसे बड़ी चुनौती सपा और बसपा के लिए है, क्योंकि इससे पहले भले ही पार्टियों ने अपना सिम्बल न दिया हो। लेकिन चुनाव में समर्थन किसी न किसी प्रत्याशी को जरूर दिया था। इस बार सपा और बसपा के लिये यह पहला मौका होगा, जब वे नगरपालिका की कुर्सी पर कब्जा कर सकते हैं। इसके लिये दोनों ही पार्टियों के प्रत्याशियों के सामने कई चुनौतियां हैं।
लखीमुपर के नगर निकाय चुनाव में यहां भाजपा अब तक दो बार और कांग्रेस एक बार अपना परचम लहरा चुकी है, वहीं सपा और बसपा जैसी दिग्गज पार्टियों ने अभी तक निकाय चुनाव में खाता तक नहीं खोला है। लेकिन इस बार दोनों पार्टियों को अपना खाता खोलने की उम्मीद दिख रही है। इसलिये दोनों पार्टियों के प्रत्याशी दिन रात मेहनत कर अपनी जीत सुनिशित करने की जुगत में लगे हैं।
अब तक के विजेता
लखीमपुर के चेयरमैन नगरपालिका की सीटें जीतने वाले उम्मीदवारों पर एक नजर डालें तो 1916 में शिवेंद्र बहादुर सिंह, 1919 में मोहम्मद समी उल्लाह, 1923 में सुनाना दीक्षित, 1926 में सरस्वती पूजा, 1929 में मोहम्मद शमी उल्लाह, 1932 में पंडित कामनाथ मिशन, 1936 में पंडित कमता प्रसाद बाजपेई, 1946 में महाराजा कैप्टन सरदार सिंह, 1952 में एस एल चंबल, 1993 में लक्ष्मीनारायण आगा, 1957 में पंडित बंशीधर मिश्रा, 1959 में लक्ष्मी नारायण नगर, 1964 में कैलाशनाथ मल्होत्रा, 1969 में लक्ष्मी नारायण आगा, 1971 में लक्ष्मी नारायण आगा, 1974 में कृष्ण प्रमोद तिवारी, 1988 में अवधेश कुमार मिश्र, 1995 नीरू पुरी, 2000 में ज्ञान प्रकाश बाजपेई, 2006 में ज्ञानप्रकाश बाजपेई, 2012 में डॉक्टर की राय श्रीवास्तव।
लखीमपुर के चेयरमैन नगरपालिका की सीटें जीतने वाले उम्मीदवारों पर एक नजर डालें तो 1916 में शिवेंद्र बहादुर सिंह, 1919 में मोहम्मद समी उल्लाह, 1923 में सुनाना दीक्षित, 1926 में सरस्वती पूजा, 1929 में मोहम्मद शमी उल्लाह, 1932 में पंडित कामनाथ मिशन, 1936 में पंडित कमता प्रसाद बाजपेई, 1946 में महाराजा कैप्टन सरदार सिंह, 1952 में एस एल चंबल, 1993 में लक्ष्मीनारायण आगा, 1957 में पंडित बंशीधर मिश्रा, 1959 में लक्ष्मी नारायण नगर, 1964 में कैलाशनाथ मल्होत्रा, 1969 में लक्ष्मी नारायण आगा, 1971 में लक्ष्मी नारायण आगा, 1974 में कृष्ण प्रमोद तिवारी, 1988 में अवधेश कुमार मिश्र, 1995 नीरू पुरी, 2000 में ज्ञान प्रकाश बाजपेई, 2006 में ज्ञानप्रकाश बाजपेई, 2012 में डॉक्टर की राय श्रीवास्तव।
तीसरी बार महिला अध्यक्ष की ताजपोशी होगी
लखीमपुर शहर की नगर पालिका के लिए तीसरा मौका होगा, जब तीसरी बार महिला अध्यक्ष की ताजपोशी होगी। इससे पहले 1995 में नीलू पुरी और 2012 में भाजपा से ही डॉ. इरा श्रीवास्तव को शहर की जनता ने चुना था। इस बार महिला सामान्य सीट होने के नाते 8 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
लखीमपुर शहर की नगर पालिका के लिए तीसरा मौका होगा, जब तीसरी बार महिला अध्यक्ष की ताजपोशी होगी। इससे पहले 1995 में नीलू पुरी और 2012 में भाजपा से ही डॉ. इरा श्रीवास्तव को शहर की जनता ने चुना था। इस बार महिला सामान्य सीट होने के नाते 8 महिला उम्मीदवार चुनाव मैदान में अपनी किस्मत आजमा रहे हैं।
प्रशासनिक देखरेख में चली नगर पालिका
आजादी के बाद 70 व 80 के दशक में लखीमपुर शहर की नगर पालिका 10 साल तक प्रशासकों की देखरेख में चली। यह साल 1978 से लेकर 1928 तक लगातार रहा। प्रशासन की ताजपोशी करते रहे। इनमें नंद स्वरूप चोपड़ा मदनमोहन वर्मा रमेश नारायण त्रिवेदी इंदू कुमार पंडित बनारसी दास राकेश बहादुर जैसे आईएएस और पीसीएस अफसर ने संभाली।
आजादी के बाद 70 व 80 के दशक में लखीमपुर शहर की नगर पालिका 10 साल तक प्रशासकों की देखरेख में चली। यह साल 1978 से लेकर 1928 तक लगातार रहा। प्रशासन की ताजपोशी करते रहे। इनमें नंद स्वरूप चोपड़ा मदनमोहन वर्मा रमेश नारायण त्रिवेदी इंदू कुमार पंडित बनारसी दास राकेश बहादुर जैसे आईएएस और पीसीएस अफसर ने संभाली।