कुचामन शहर

राष्ट्रीय युवा दिवस पर विशेष : प्रशासनिक सेवाओं के प्रति बढ़ रहा ग्रामीण परिवेश के युवाओं का रुझान

दो दशक पहले तक फौज और पुलिस की नौकरी से आगे सोचने की क्षमता तक नहीं रखने वाले ग्रामीण परिवेश के युवा अब प्रशासनिक सेवा में जाकर कर देश में मारवाड़ की छाप छोड़ रहे हैं।

कुचामन शहरJan 12, 2024 / 05:08 pm

Ashish

Kuchaman City News : दो दशक पहले तक फौज और पुलिस की नौकरी से आगे सोचने की क्षमता तक नहीं रखने वाले ग्रामीण परिवेश के युवा अब प्रशासनिक सेवा में जाकर कर देश में मारवाड़ की छाप छोड़ रहे हैं। हिन्दी माध्यम में प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने के बावजूद शहर के अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा प्राप्त कर रहे अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा कर आईएएस तक का सफर तय कर चुके ग्रामीण परिवेश के अधिकारी हजारों युवाओं के लिए प्रेरणा स्त्रोत बने हुए हैं। 21वीं सदी का प्रथम दशक इंजीनियरिंग का दौर रहा। इस समय अधिकतर युवाओं का रूझान आईआईटी की तरफ था। जबकि दूसरे दशक में युवाओं का रुझान मेडिकल की ओर बढ़ा, इसमें एमबीबीएस करने का क्रेज ज्यादा देखने को मिला। अब तीसरे दशक की शुरुआत के साथ ही युवाओं का रुझान प्रशासनिक सेवा की ओर तेजी से बढ़ रहा है। यहां तक कि स्कूली व कॉलेज शिक्षा तकनीकी विषयों में प्राप्त करने के बावजूद आईएएस व आरएएस जैसी गैर तकनीकी परीक्षाओं में शामिल होने वाले अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ी है।

प्रशासनिक सेवा में आने के मुख्य कारण : इंजीनियरिंग, मेडिकल, न्यायिक व अन्य सेवाओं में किसी क्षेत्र विशेष में लम्बवत कार्य करने का अवसर मिलता है जो एक आयामी है, जबकि प्रशासन में विस्तृत कार्यक्षेत्र के साथ क्षैतिज कार्य करने का अवसर बहुआयामी प्रतिभा को बेहतर कार्य कुशलता का प्रदर्शन करने का अवसर उपलब्ध करवाता है।

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ग्रामीण परिवेश के विद्यार्थियों को बिना घबराए बड़ा लक्ष्य बनाकर दसवीं कक्षा के साथ ही तैयारी शुरू कर देनी चाहिए। प्रारम्भिक शिक्षा कमजोर होने के बावजूद उच्च शिक्षा में अधिक मेहनत कर अन्य अभ्यर्थियों से प्रतिस्पर्धा की जा सकती है। निरन्तरता और स्वयं के प्रति ईमानदारी के साथ पढ़ाई से लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है। न्यूज पेपर रोजाना पढ़ें। सामाजिक कार्यक्रमों व सोशल मीडिया से दूर रहें। मैं स्वयं हिन्दी माध्यम का विद्यार्थी होने के बावजूद निरन्तर मेहनत से सिविल सर्विसेज-2012 में 35वीं रैंक के साथ चयनित हुआ तो ग्रामीण परिवेश का कोई भी बच्चा इस मुकाम तक पहुंच सकता है।
नथमल डिडेल, आईएएस अधिकारी, डिडिया

ग्रामीण परिवेश की महिलाओं में धैर्य के साथ अधिक मेहनत करने की स्वभाविक ऊर्जा होती है। यदि इस ऊर्जा को सही दिशा मिल जाए तो चौंकाने वाले परिणाम सामने आ सकते हैं। हालांकि ग्रामीण परिवेश की बालिकाओं को पारिवारिक स्थिति के कारण अब भी उच्च शिक्षा के पर्याप्त अवसर नहीं मिल रहें है, फिर भी बालिकाएं घरेलू काम के साथ सामंजस्य बनाकर आगे बढ़ रही हैं। तकनीक का उपयोग कर ग्रामीण परिवेश की बालिकाएं भी प्रशासनिक अधिकारी बनकर देश सेवा कर सकती हैं।
डॉ. आरुषि मलिक, सीनियर आईएएस अधिकारी, खजवाना

इन चरणों में होती परीक्षा, यह भर सकते है फॉर्म
प्रशासनिक अधिकारी बनने के लिए न्यूनतम योग्यता किसी भी विषय में स्नातक होनी चाहिए। न्यूनतम आयु 21 वर्ष निर्धारित है। केन्द्र स्तर पर संघ लोक सेवा आयोग व राज्य स्तर राज्य लोक सेवा आयोग समय-समय पर भर्तियां करवाती हैं। भर्ती होने के लिए अभ्यर्थी को तीन पड़ाव पार करने पड़ते हैं। पहले वस्तुनिष्ठ प्रारम्भिक परीक्षा होती है, जिसमें अभ्यर्थियों की केवल छंटनी की जाती है। इस परीक्षा में सफल अभ्यर्थियों की मुख्य परीक्षा होती है, जो लिखित रूप में होती है। सफल अभ्यर्थियों को आयोग साक्षात्कार के लिए आमंत्रित करता है। अंत में लिखित व साक्षात्कार के अंक जोडकऱ अंतिम सूची बनाई जाती है, जिसमें सफल अभ्यर्थियों को मेरिट अनुसार प्रशासनिक पद आवंटित होते हैं।

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