अब जुलाई में मानसून की एंट्री हो चुकी है। जिसके चलते वर्षों ऋतु के बाद ही नमक का उत्पादन होने की उम्मीद है। तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रहीं है। अभी यहां पर 25 से 33 डिग्री तापमान नजर आ रहा है। हर बार मई-जून की चटक धूप से नमक का बंपर उत्पादन होता है, लेकिन 25 मई के तूफान ने उत्पादन के साथ नमक रिफाइनरियों को भी प्रभावित किया है। आज एक माह बाद भी रखरखाव का कार्य जारी है। राजस्थान नमक उत्पादन संघ के अध्यक्ष केसाराम लोरा ने बताया इस बार नमक उत्पादन नाम मात्र हुआ है। इसके कारण से नमक उद्यी बिजली के बिल भरने में असमर्थ है।
नमक की किल्लत, मनमर्जी के भाव
नमक उत्पादन प्रभावित होने से नमक की किल्लत नजर आने लगी है। मंडी में नमक के मनमर्जी भाव देने को मिल रहे हैं। जो नमक पहले 70 से 80 रुपए प्रति क्विंटल था, आज वहीं 150 से 190 तक के भाव बाजार में बिकर रहा है। गौरतलब है कि 2021-22 में नमक उत्पादन में 30 फीसदी गिरावट हुई थी। इस बार व्यापारियों का मानना है 70-75 फीसदी उत्पादन में गिरावट हो सकती है। इससे उत्तर भारत को नमक आपूर्ति पर भी संकट नजर आ रहा है , साथ ही रेलवे को भी करोड़ों का राजस्व नुकसान होगा।
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प्रदेश की एकमात्र नमक मंडी
-2 हजार करोड़ का नमक उत्पादन प्रतिवर्ष
-12 फिसदी देश नमक होता है उत्पादन।
-30 हजार श्रमिक नमक उत्पादन से जुड़े हुए।
-20 लाख एमटी प्रतिवर्ष नमक उत्पादन।
-200 साल से हो रहा नमक का उत्पादन।
-2 हजार से अधिक नमक ईकाइयां व 25 रिफाइनरिंया ।
-50 से अधिक नमक के साधारण प्लांट।
श्रमिकों का पलायन
नमक मंडी में स्थानीय श्रमिकों से ज्यादा यूपी,बिहार के श्रमिक कार्य करते है। इस बार सीजन शुरू होते ही बारिश होने से मजबूरन श्रमिकों को घर का रास्ता देखना पड़ा। इसकी वजह से 30 हजार से अधिक श्रमिकों के पलायन से 2 हजार नमक इकाइयां व 25 नमक रिफाइनरियों में कार्य ठप हो गया तथा अभी तक मेंटिनेन्स भी जारी है। इसके कारण अनेक रिफाइनरी श्रमिकों ने गुजरात पलायन कर लिया है।