कुचामन शहर

राजस्थान के इस उद्योग को लगा तगड़ा झटका, सीजन शुरू होते ही हुआ खत्म, लाखों श्रमिक पलायन को मजबूर

प्रदेश का सबसे बड़ा नमक उद्योग इन दिनों संकट से गुजर रहा है। इन्वेस्ट समिट के माध्यम से सरकार प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए देश के बड़े निवेशकों को आमंत्रित कर रहीं है। लेकिन स्थापित उद्योग के बचाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है।

कुचामन शहरJul 03, 2023 / 11:29 am

Kirti Verma

नावांशहर/ पत्रिका। प्रदेश का सबसे बड़ा नमक उद्योग इन दिनों संकट से गुजर रहा है। इन्वेस्ट समिट के माध्यम से सरकार प्रदेश में उद्योग स्थापित करने के लिए देश के बड़े निवेशकों को आमंत्रित कर रहीं है। लेकिन स्थापित उद्योग के बचाने को लेकर कोई कदम नहीं उठाया जा रहा है। नावां नमक नगरी 200 वर्षों से नमक का उत्पाद कर रही हैं। लेकिन इस बार अप्रेल से जून तक जो नमक निकलने का सबसे महत्वपूर्ण सीजन होता है, शुरू होने के साथ ही खत्म हो गया है। इसका मुख्य कारण निरन्तर बेमौसम बारिश जारी होना रहा । इसके साथ ही सांभर झील संरक्षण के मसले पर निजी नमक उद्योग को ठप किया जा रहा है, जबकि झील के संरक्षण के साथ नमक उद्योग को बचाने को भी ठोस कदम उठाएं जाना जरूरी है, ताकि प्रदेश में सबसे बेहतर गुणवत्ता का नमक उत्पादन करने वाले 2 हजार करोड़ के उद्योग को राहत मिल सके।

अब जुलाई में मानसून की एंट्री हो चुकी है। जिसके चलते वर्षों ऋतु के बाद ही नमक का उत्पादन होने की उम्मीद है। तापमान में भी गिरावट देखने को मिल रहीं है। अभी यहां पर 25 से 33 डिग्री तापमान नजर आ रहा है। हर बार मई-जून की चटक धूप से नमक का बंपर उत्पादन होता है, लेकिन 25 मई के तूफान ने उत्पादन के साथ नमक रिफाइनरियों को भी प्रभावित किया है। आज एक माह बाद भी रखरखाव का कार्य जारी है। राजस्थान नमक उत्पादन संघ के अध्यक्ष केसाराम लोरा ने बताया इस बार नमक उत्पादन नाम मात्र हुआ है। इसके कारण से नमक उद्यी बिजली के बिल भरने में असमर्थ है।

नमक की किल्लत, मनमर्जी के भाव
नमक उत्पादन प्रभावित होने से नमक की किल्लत नजर आने लगी है। मंडी में नमक के मनमर्जी भाव देने को मिल रहे हैं। जो नमक पहले 70 से 80 रुपए प्रति क्विंटल था, आज वहीं 150 से 190 तक के भाव बाजार में बिकर रहा है। गौरतलब है कि 2021-22 में नमक उत्पादन में 30 फीसदी गिरावट हुई थी। इस बार व्यापारियों का मानना है 70-75 फीसदी उत्पादन में गिरावट हो सकती है। इससे उत्तर भारत को नमक आपूर्ति पर भी संकट नजर आ रहा है , साथ ही रेलवे को भी करोड़ों का राजस्व नुकसान होगा।

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प्रदेश की एकमात्र नमक मंडी

-2 हजार करोड़ का नमक उत्पादन प्रतिवर्ष

-12 फिसदी देश नमक होता है उत्पादन।

-30 हजार श्रमिक नमक उत्पादन से जुड़े हुए।

-20 लाख एमटी प्रतिवर्ष नमक उत्पादन।

-200 साल से हो रहा नमक का उत्पादन।

-2 हजार से अधिक नमक ईकाइयां व 25 रिफाइनरिंया ।

-50 से अधिक नमक के साधारण प्लांट।


श्रमिकों का पलायन
नमक मंडी में स्थानीय श्रमिकों से ज्यादा यूपी,बिहार के श्रमिक कार्य करते है। इस बार सीजन शुरू होते ही बारिश होने से मजबूरन श्रमिकों को घर का रास्ता देखना पड़ा। इसकी वजह से 30 हजार से अधिक श्रमिकों के पलायन से 2 हजार नमक इकाइयां व 25 नमक रिफाइनरियों में कार्य ठप हो गया तथा अभी तक मेंटिनेन्स भी जारी है। इसके कारण अनेक रिफाइनरी श्रमिकों ने गुजरात पलायन कर लिया है।

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