जयपुर कमिश्नरेट हो या जोधपुर या फिर राज्य का कोई भी संभाग। गुंडा एक्ट की कार्रवाई में कोटा संभाग ने इस साल सभी को पछाड़ा दिया। राज्य में न केवल सबसे अधिक परिवाद पेश किए, वरन् अपराधियों को जिला बदर में भी कोटा संभाग सबसे आगे है। इसी तरह आदतन अपराधियों के खिलाफ की कार्रवाई में तो पूरी ही कोटा संभाग की रही।
गुंडा अधिनियम 1975 के तहत मंजूरी मिलने पर अपराधियों को जिला बदर में कोटा संभाग ने इस साल राज्य में सर्वाधिक 383 परिवाद एडीएम सिटी के यहां पेश किए। जिनमें से 87 को जिला बदर किया। जबकि कोटा शहर में इस साल के 181 परिवादों में 7 को और गत वर्षों में पेश परिवादों में से 69 को भी इसी साल नवम्बर तक जिला बदर किया गया। कोटा संभाग ने राज्य में सर्वाधिक 156 अपराधियों को जिला बदर कराया। जबकि दूसरे नम्बर पर जयपुर कमिश्नरेट रहा। जिसने 175 परिवादों में से 101 अपराधियों को जिला बदर कराया है।
गुंडा अधिनियम 1975 के तहत मंजूरी मिलने पर अपराधियों को जिला बदर में कोटा संभाग ने इस साल राज्य में सर्वाधिक 383 परिवाद एडीएम सिटी के यहां पेश किए। जिनमें से 87 को जिला बदर किया। जबकि कोटा शहर में इस साल के 181 परिवादों में 7 को और गत वर्षों में पेश परिवादों में से 69 को भी इसी साल नवम्बर तक जिला बदर किया गया। कोटा संभाग ने राज्य में सर्वाधिक 156 अपराधियों को जिला बदर कराया। जबकि दूसरे नम्बर पर जयपुर कमिश्नरेट रहा। जिसने 175 परिवादों में से 101 अपराधियों को जिला बदर कराया है।
यह भी पढ़ें
January 2017 Flashback: राशन, ब्लड बैंक और आरटीआई एक्टीविस्ट की मौत से खराब हुआ नाम घोषित व गिरफ्तारी वारंटियों में तीसरे नम्बर परघोषित अपराधियों व गिरफरी वारंट से तलब अपराधियों को गिरफ्तार करने में कोटा संभाग तीसरे नम्बर पर रहा है। घोषित अपराधियों के 589 में से कोटा संभाग ने 57 को गिरफ्तार किया। जबकि भरतपुर संभाग 612 में से 115 को गिरफ्तार कर पहले स्थान पर रहा। गिरफ्तारी वारंटियों में 56708 में से कोटा ने 26982 को गिरफ्तार कर 47.58 प्रतिशत निस्तारण किया। जबकि पहले स्थान पर रहे बीकानेर संभाग ने 44743 में से 26059 को गिरफ्तार कर 58.24 प्रतिशत का निस्तारण किया है।
39 में से 38 कार्रवाई कोटा की
आदतन अपराधियों के खिलाफ नवम्बर तक राज्य में कुल 39 परिवाद पेश किए गए। जिनमें से 38 परिवाद कोटा संभाग के हैं। 4 अपराधियों को पाबंद कराया गया वह भी सभी कोटा संभाग के ही।
आदतन अपराधियों के खिलाफ नवम्बर तक राज्य में कुल 39 परिवाद पेश किए गए। जिनमें से 38 परिवाद कोटा संभाग के हैं। 4 अपराधियों को पाबंद कराया गया वह भी सभी कोटा संभाग के ही।
यह भी पढ़ें
February 2017 Flashback : कोटा का लाल चेतन चीता ऐसा दहाड़ा कि पूरे देश में हुई गूंज स्थायी वारंटियों व भगोड़ों में दूसरा नंबरराज्य में लम्बे समय से फरार स्थायी वारंटियों व भगोड़ों के खिलाफ की गई कार्रवाई व गिरफ्तारी में नवम्बर तक कोटा संभाग राज्य में दूसरे नम्बर पर रहा है। कोटा संभाग ने इस साल 12004 में से 4008 स्थायी वारंटियों को गिरफ्तार कर 33.39 प्रतिशत निस्तारण किया। जबकि पहले स्थान पर रहे बीकानेर संभाग ने 7633 में से 2772 को गिरफ्तार कर 36.32 प्रतिशत का निस्तारण किया। इसी तरह से भगोड़े अपराधियों को गिरफ्तार करने में भी कोटा संभाग दूसरे नम्बर पर रहा। कोटा ने 646 में से 184 को गिरफ्तार कर 28.48 प्रतिशत निस्तारण किया।