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कोटा के लिए करेंगे वो काम, जिसे 10 साल में नहीं कर सकी राजस्थान सरकारदेश के सबसे बड़े टाइगर कॉरीडोर को मिलेगी मदद मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व के उपवन संरक्षक एसआर यादव ने बताया कि मिली अंतर्राष्ट्रीय मदद में से मुकुन्दरा पर कितनी राशि खर्च की जाएगी यह भी तय नहीं है, लेकिन यहां के लिए जो राशि आएगी उसे प्राथमिकता के आधार पर कॉरिडोर व मुकुन्दरा के विकास कार्योंं पर खर्च करेंगे। इस फंड को रणथम्भौर टाइगर रिजर्व, मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व, कैलादेवी वन्यजीव अभयारण्य के विकास पर खर्च किया जाएगा। मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में अगले माह बाघों को छोडऩे की योजना है। जिसके चलते यह राशि महत्वपूर्ण रहेगी।
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इन मदों पर होंगे खर्च सूत्रों के मुताबिक, डब्ल्यूडब्ल्यूएफ से प्राप्त इस राशि को प्रदेश में वनरक्षकों को बाघों की मॉनिटरिंग करने के तौर तरीके सिखाने एवं जंगल की सुरक्षा से संबंधी प्रशिक्षण पर खर्च किया जाएगा। बाघों के संरक्षण के लिए आवश्यक संसाधन भी उपलब्ध करवाए जाएंगे। आपको बता दें कि मुकुन्दरा हिल्स एवं टाइगर रिजर्व 760 वर्ग किमी के दायरे मे फैला हुआ है। यहां अगले महीने रणथंभौर अभ्यारण्य से 3 बाघ लाने की तैयारी आखिरी चरण में है।
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पिछले साल भी मिली थी मदद राजस्थान में टाइगर प्रोटेक्शन के लिए पिछले साल भी 2.22 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिली थी। केन्द्र सरकार के विज्ञान एवं तकनीकी विभाग ने 22 लाख रुपए और ओरिकल कम्पनी 2 करोड़ रुपए बाघों के संरक्षण को दिए थे। इस आर्थिक मदद से मुकुन्दरा हिल्स टाइगर रिजर्व में कुछ वनकर्मियों को वनों में ट्रेकिंग के लिए शूज दिए गए थे। इसके अलावा मास्किटो टेंट भी उपलब्ध करवाए गए।