href="https://www.patrika.com/kota-news/son-murdered-his-mother-in-kota-1-1732562/" target="_blank" rel="noopener">मां का गला काट थाने पहुंचा बेटा, बोला- डांटती थी इसलिए मार डाला
गोदाम में जमा ही नहीं किया खरीदा गया गेहूं एफसीआई ने वर्ष 2017-18 में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद के लिए भामाशाहमंडी में खरीद केन्द्र खोला था। खरीद कार्य के लिए एफसीआई ने दो अधिकारियों व आठ कर्मचारियों को इस केंद्र पर तैनात किया था। सभी कर्मचारी क्वालिटी कंट्रोल इंस्पेक्टर रामावतार मीणा, पेमेंट ऑफीसर राजेश गुर्जर के अधीन तैनात किए गए थे। इन लोगों ने किसानों से गेहूं खरीदने के बाद जो गेहूं एफसीआई के गोदाम में जमा करवाया दोनों के बीच 3.90 करोड़ रुपए की कीमत से ज्यादा के गेहूं का अंतर आ रहा है। इतना ज्यादा गेहूं गायब होने की बात जब सामने आई तो एफसीआई में हड़कंप मच गया और बड़े घोटाले की आशंका के चलते मामले की हाई प्रोफाइल जांच कराई गई।OMG! शौचालय ने छीनी दो वक्त की रोटी, दाने-दाने को मोहताज हुए लोग
गोदाम सीज, रिकॉर्ड जब्त जयपुर स्थित एफसीआई के महाप्रबंधक कार्यालय को जब घोटाले की जानकारी हुई तो उन्होंने तुरंत आला अधिकारियों के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित कर दी। इस टीम शनिवार को जयपुर से कोटा आकर एफसीआई के गोदामों में जमा स्टॉक का सत्यापन किया। जहां उन्हें स्टॉक में गेहूं कम मिला तो गोदाम सीज कर दिए गए। इसके साथ ही गेहूं खरीद से जुड़े सभी रिकॉर्ड भी टीम ने जब्त कर लिया है। गोदाम के साथ-साथ इस टीम ने क्षेत्रीय कार्यालय में भी जाकर जांच की और वहां मिले दस्तावेज भी जब्त कर लिए। क्षेत्रीय कार्यालय के खरीद और लेखा अनुभाग के अधिकारियों को भी जांच के दायरे में लिया गया है।