कार्यशाला में नेताजी सुभाष यूनिवर्सिटी ऑफ टेक्नालोजी, नई दिल्ली की नई शिक्षा नीति की विषय विशेषज्ञ प्रो. प्रेरणा गौड़ ने कहा कि ज्ञान के परिदृश्य में पूरा विश्व तेजी से परिवर्तन के दौर से गुजर रहा है। बिग डेटा, मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस जैसे क्षेत्रों में हो रहे बदलाव, वैज्ञानिक और तकनीकी विकास के चलते विश्वभर में अकुशल कामगारों की जगह मशीनें काम करेंगी और दूसरी ओर डेटा साइंस, कम्प्यूटर साइंस और गणित के क्षेत्र में विज्ञान, समाज विज्ञान और मानविकी के विविध विषयों में योग्यता रखने वाले कुशल कामगारों की जरूरत और मांग बढे़गी। जलवायु परिवर्तन, प्रदूषण और घटते प्राकृतिक संसाधनों की वजह से हमें ऊर्जा, भोजन पानी, स्वच्छता की आवश्यकता को पूरा करने के रास्ते खोजने होंगे।
डीन अकादमिक अफेयर्स प्रो. डी.के. पलवलिया ने बताया कि विवि में एक स्टेट ऑफ आर्ट रिसर्च हब की स्थापना की गई है, जहां सभी सम्बद्ध महाविद्यालयों के विद्यार्थी अनुसंधान की सुविधाओं का लाभ उठा सकते है।कार्यशाला में 100 से अधिक सम्बद्ध महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों ने हिस्सा लिया। कार्यशाला में डीन फेकल्टी अफेयर्स प्रो. ए.के द्विवेदी, कुलसचिव वीरेन्द्र कुमार वर्मा, प्रो. अनिल के. माथुर, प्रो. धीरेन्द्र माथुर, प्रो. एस. के राठौर, डॉ. दीपक भाटिया ने किया।