कहने को तो संभाग का सबसे बड़ा अस्पताल है एमबीएस फिर भी आए दिन हो रहे गैस हादसों से शायद एमबीएस अस्पताल प्रशासन सीख नहीं ले रहा। संभाग के सबसे बड़े इस चिकित्सालय के इमरजेंसी मेडिसिन वार्ड में नेग्लीजेंसी बरती जा रही है। 30 बेड के इस वार्ड में भर्ती मरीजों को ऑक्सीजन सप्लाई के लिए यहां बाथरूम में 12 सिलेंडरों का प्लांट लगा है। वार्ड में रोज 10 से 12 सिलेंडरों की सप्लाई की जाती है। करीब 1 क्विंटल भारी भरकम सिलेंडर वार्ड में भर्ती रोगियों के बेड के पास ही उतारे जाते हैं। ऐसे में दुर्घटना की आशंका हमेशा बनी रहती है। पास ही लाइट के बोर्ड भी खुले पड़े हैं।
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शौचालय के पास लगाया वाटर कूलर
वार्ड में मरीजों के लिए शुक्रवार को ही वाटर कूलर लगा है। अस्पताल प्रशासन ने इस वाटर कूलर को शौचालय के पास ऑक्सीजन सिलेंडर प्लांट कक्ष में जा लगाया। मरीज को चाहे शौचालय जाना हो या पानी पीने, दोनों ही परिस्थियों में ऑक्सीजन प्लांट में जाना मजबूरी है।
अधीक्षक एमबीएस डॉ. पीके तिवारी का कहना है कि अगर वाटर कूलर गलत जगह लगाया है तो वहां से हटाकर सही जगह लगवा देंगे। अन्य अव्यवस्थाओं को भी देखेंगे।
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कांग्रेसियों के बाद अब महापौर ने पकड़ा कचरे का झोलझाल तो भाजपाई बोले अपने चहेतों की भी कर लेते जांच लावारिस महिला को 2 घंटे तक नहीं मिला इलाज एमबीएस चिकित्सालय में गुरुवार को भी एक लावारिस महिला को समय पर उपचार नहीं मिला। महिला 2 घंटे तक स्टे्रचर पर तड़पती रही। कोई व्यक्ति एक महिला को अस्पताल दिखाने आया तो डॉक्टर ने उस महिला को दवा लिखकर खानापूर्ति कर दी, जबकि महिला के बाएं हाथ में फेक्चर था। यह भी पढ़ें
4 साल का पड़ा रिश्वत में मांगा मुर्गा महिला को दिखाने जो व्यक्ति आया था, वह भी उसे छोडकर चला गया। बाद में कुछ लोगों ने अधीक्षक को फोन किया तो वहां से उनका निजी सहायक आया और महिला को ठीक से दिखाया और उसका प्लास्टर चढ़ाकर उसे आर्थोपेडिक वार्ड में भर्ती कराया। महिला की मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। वह अपना नाम पता नहीं बता पा रही है। एमबीएस अधीक्षक पीके तिवारी का कहना है कि महिला के साथ कोई नहीं है, ऐसी स्थिति में उपचार में समस्या आती है। महिला को भर्ती कर उपचार शुरू कर दिया है वहीं उसके खाने की भी व्यवस्था कर दी है।