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किशोरपुरा: रहती है पूरी सफाई किशोरपुरा मुक्तिधाम को देखकर लोगों का मन बागबाग हो जाता है। यह मुक्तिधाम कहीं से भी मरघट जैसा लगता ही नहीं। रोजाना सुबह नौ बजे तक पूरे मुक्तिधाम की धुलाई की जाती है। जिधर देखो उधर ही पेड़ पौधे लगे हुए हैं। यहां पर लोग शवों के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए ही नहीं, नदी में स्नान, मंदिर में पूजा अर्चना के लिए भी आते हैं। यह भी पढ़ें
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स्टेशन: स्थानीय लोग करते देखभाल जिन मुक्तिधाम की विकास समितियां बनी हुई हैं, वे चकाचक रहते हैं। रेलवे स्टेशन मुक्तिधाम विकास के लिए स्थानीय लोगों की लम्बे समय से समिति बनी हुई है। समिति द्वारा ही मुक्तिधाम का सर्वांगीण विकास कराया जाता है। समय समय पर साफ-सफाई करवाई जाती है। स्नान करने के लिए सुव्यवस्थित नल लगे हुए हैं। विश्राम गृह भी बने हुए हैं। यह भी पढ़ें
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सकतपुरा: पहले डर लगता था, अब खेलते हैं सकतपुरा मुक्तिधाम में करीब एक साल पहले यूआईटी ने 60 लाख रुपए में मरम्मत करवाई थी। मुक्तिधाम विकास के लिए 15 युवाओं की समिति बनी हुई है। यहां हाल ही में भैंरूजी की प्रतिमा स्थापित की गई है। मुक्तिधाम के विकास के बाद आसपास के लोगों को भी समाजकंटकों, गंदगी-कचरे से मुक्ति मिली है। मोहल्ले के इनायत खान बताते हैं कि पहले तो बच्चों को दिन में भी नदी के ढलान की ओर जाने से डर लगता था। अब तो रात आठ बजे तक मुक्तिधाम में खेलते रहते हैं। यह भी पढ़ें
राजस्थान और मध्यप्रदेश में छिड़ी पानी जंग, पड़ जाएंगे राेटी के लाले पहल: बनाएंगे कमेटी पार्षद विकास तंवर ने कहा कि मुक्तिधामों के विकास के लिए निगम से कोई बजट नहीं मिलता। सफाई ठेकेदारों से कहकर सफाई कराते हैं। सकतपुरा मुक्तिधाम के लिए समिति गठित की हुई है। एेसे ही बजरंगपुरा मुक्तिधाम के लिए भी समिति गठित करेंगे। यह भी पढ़ें
बिल्डर के साथ हुआ धोखा, पूरा मामला जानकर हैरान रह जाएंगे आप सुझाव: अंतिम संस्कार विभाग बनाएं कर्मयोगी सेवा संस्थान संस्थापक राजाराम जैन ने कहा कि हर व्यक्ति का सम्मान जनक अंतिम संस्कार हो, इसके लिए चाहिए कि अंतिम संस्कार विभाग या समिति गठित की जाए। भले ही इसकी शुरुआत कोटा ? निगम से ही की जाए। इसमें लावारिस शवों का अंतिम संस्कार, मुक्तिधाम, कब्रिस्तानों के विकास, जन सहभागिता आदि की सुविधाएं विकसित की जाएं। यह भी पढ़ें