इस दौरान इंजन में कांच के गिलास में पानी भरकर 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया, लेकिन गिलास से पानी छलक कर बाहर नहीं निकला। वंदे भारत ट्रेन पूरी तरह से भारत में निर्मित सेमी हाई-स्पीड ट्रेन है।
इसमें अत्याधुनिक डिजाइन के कोच लगाए हैं। पश्चिम मध्य रेलवे के महाप्रबंधक सुधीर कुमार गुप्ता ट्रेन परीक्षण के पर्यवेक्षण के लिए कोटा पहुंचे। आगामी दिनों में रेलवे बोर्ड के अधिकारियों का आना भी प्रस्तावित है।
कोटा जंक्शन पर रविवार दोपहर को पत्रिका टीम ने भी ट्रेन का जायजा लिया। इसके एक कोच में बैठने के लिए 78 सीट हैं। इंजन वाले कोच में 44 सीट हैं। दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर आगामी एक साल बाद सभी मेल, एक्सप्रेस ट्रेन 160 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। यह रेलमार्ग उच्च गति के लिए फिट है। अभी इसकी फेसिंग का कार्य चल रहा है। इसलिए इस रेलमार्ग को सेमी हाई स्पीड ट्रेन के परीक्षण के लिए चुना गया।
उल्लेखनीय है कि भारतीय रेलवे ने ‘मेक इन इंडिया’ की सफलता की कहानी के एक उत्कृष्ट उदाहरण के रूप में देश की पहली स्वदेशी सेमी हाई स्पीड ट्रेन वंदे भारत एक्सप्रेस का शुभारंभ किया था। पहली वंदे भारत एक्सप्रेस रेलगाड़ी को 15 फरवरी 2019 को नई दिल्ली-कानपुर-इलाहाबाद-वाराणसी मार्ग पर रवाना किया गया था। अब और अपग्रेड कोच का रेक पटरी पर आ गया है। तेज गति, सुरक्षा और बेहतर सेवा इस रेलगाड़ी की पहचान है। यह भारतीय रेलवे की उत्पादन इकाई इंटीग्रल कोच फैक्ट्री (आईसीएफ) चेन्नई में पूरी तरह से इन हाउस डिजाइन और निर्मित है। यह कंप्यूटर मॉडलिंग पर आधारित है।
Video: देखिए वन्दे भारत ट्रेन की रफ्तार, कोटा में हुआ है ट्रायल
यह है ट्रेन की खास बातें
-वंदे भारत दोनों तरफ से ट्रेन सेल्फ प्रोपेल्ड इंजन युक्त ट्रेन है। इसमें अलग से इंजन लगा हुआ नहीं है।
-इसमें स्वचलित दरवाजे और वातानुकूलित चेयर कारों के कोच हैं।
-कोचों में रिवॉल्विंग चेयर है, जो 180 डिग्री तक घूम सकती है।
-इस ट्रेन सेट में 16 डिब्बे हैं।