कोटा

न्यास चम्बल रिवर फ्रंट विकसित करने की संभावनाएं तलाशेगा

चम्बल के डाउन स्ट्रीम को कैसे पर्यटन को लुभाने के लिए विकसित किया जा सकता है, इसकी नगर विकास न्यास की ओर से कार्य योजना बनाई जाएगी।

कोटाMay 15, 2019 / 11:24 pm

Ranjeet singh solanki

न्यास चम्बल रिवर फ्रंट विकसित करने की संभावनाएं तलाशेगा

कोटा। हाड़ौती के लिए वरदान साबित हो रही चम्बल नदी को अब पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की कवायद शुरू हो गई है। चम्बल के डाउन स्ट्रीम को कैसे पर्यटन को लुभाने के लिए विकसित किया जा सकता है, इसकी नगर विकास न्यास की ओर से कार्य योजना बनाई जाएगी। डाउन स्ट्रीम प्राकृतिक सौदर्य से आच्छादित है। नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल का फोकस इस बार कोटा को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने पर है। इस बारे में वे पहले भी संकेत दे चुके हैं। लोकसभा चुनाव की आचार संहिता खत्म होने के बाद धारीवाल शहर के विकास का आगामी पांच साल का विजन जनता के समक्ष रखेंगे। इसमें चम्बल का रिवर फ्रंट भी शामिल किया जा सकता है। इसके तहत नगर विकास न्यास की ओर से जल्द सर्वे का काम शुरू करने की तैयारी चल रही है। न्यास के अधिकारियों का कहना है कि अभी तक यह प्लान शुरुआती दौर में है। गुजरात की तर्ज पर चम्बल नदी को विकसित करने पर चर्चा चल रही है। न्यास सचिव भवानीसिंह पालावत का कहना है कि चम्बल रिवर फ्रंट के बारे में शीघ्र सर्वे करवाया जाएगा। इसके बारे में चर्चा हो गई है। पूरी कार्य योजना तैयार कर सरकार के समक्ष पेश की जाएगी। इसके बाद ही इस योजना का भविष्य तय होगा।
बैराज से केशवरायपाटन तक हो सकती है विकसित

कोटा बैराज से केशवरायपाटन तक चम्बल नदी को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जा सकता है। नयापुरा पुलिया से आगे नदी के बीच टापू बना हुआ है। जहां पेड़-पौधे लगे हुए हैं। नदी के दोनों तरफ गहरी कराइयां है और टेल के टीले हैं। इन्हें प्राकृतिक रूप से विकसित किया जा सकता है।–एक्सपर्ट व्यू…स्कैन फोटो..चम्बल के टाउन स्ट्रीम को पर्यटन की दृष्टि से विकसित करने की विपुल संभावनाएं है। सीमित संसाधनों में बेहतरीन रूप से विकसित किया जा सकता है। नदी के दोनों तरफ प्राकृतिक सौदर्य की अकूत सम्पदा है। लेकिन इससे पहले डाउन स्ट्रीम के शुद्धीकरण पर फोकस करने की जरूरत है। आज स्थिति यह है कि आप डाउन स्ट्रीम में दुर्गंध के कारण खड़े रह नहीं सकते हैं। इसलिए शासन और प्रशासन को सबसे पहले चम्बल नदी में गिरने वाले गंदे नालों को रोकना होगा। साथ ही नदी की सफाई करवाने की भी जरूरत है। सघन पौधारोपण किया जाए। साथ ही हैरिटेज सम्पदा को संरक्षित किया जाए। चम्बल के दोनों तरफ एक-डेढ़ किलोमीटर को विकसित किया जा सकता है। कोटा बैराज से केशवरायपाटन तक चम्बल फ्रंट रिवर प्लान तैयार किया जा सकता है।
इंटैक की ओर से चम्बल नदी का डाक्यूमेंट तैयार किया जा रहा है, जो इसी साल पूरा कर लिया जाएगा। चम्बल नदी राजस्थान के जिन क्षेत्रों से गुज रही है, उसका कम्पलीट डाक्यूमेंट तैयार होगा। निखिलेश सेठी कनवीनर, इंटैक कोटा चैप्टर

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