कोटा .तीन तलाक बिल पर संसद के दोनों सदनों की मुहर लग चुकी है, इस फैसले को मोदी सरकार ऐतिहासिक बता रही है तो कई संगठन और नेता ऐसे भी हैं जो इसके खिलाफ हैं और मुस्लिम समाज में अनावश्यक हस्तक्षेप मान रहे हैं। कोटा में भी मुस्लिम समाज का विरोध देखा जा रहा है। मुस्लिम समाज ने इसका विरोध करते हुए कड़ी निंदा की ।
तीन तलाक बिल के विरोध में मुस्लिम समाज 10अगस्त को मौन जुलूस
निकालेगा। यह जुलूस सुबह 10 बजे गुमानपुरा स्थित मल्टीपरपज स्कूल से
रवाना होगा। शहर काजी अनवार अहमद ने बताया कि जुलूस कैनाल रोड, सरोवर
टॉकीज रोड, लक्खी बुर्ज,अग्रसेन चौराहा,नयापुरा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचेगा, जहां जिला कलक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर बिल को वापिस लेने या इसकी पुर्नसमीक्षा करने की मांग की जाएगी।
निकालेगा। यह जुलूस सुबह 10 बजे गुमानपुरा स्थित मल्टीपरपज स्कूल से
रवाना होगा। शहर काजी अनवार अहमद ने बताया कि जुलूस कैनाल रोड, सरोवर
टॉकीज रोड, लक्खी बुर्ज,अग्रसेन चौराहा,नयापुरा होते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचेगा, जहां जिला कलक्टर को राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर बिल को वापिस लेने या इसकी पुर्नसमीक्षा करने की मांग की जाएगी।
शहर काजी ने बताया कि जुलूस में शामिल लोग सफेद लिबाज में अनुशासित तरीके से शामिल होंगे । शहर काजी ने जिले के सभी ईमाम, आलिम, समेत अन्य जिम्मेदार लोगों से अनुशासित तरीके से जुलूस निकालने में सहयोग के लिए कहा है। समाज की ओर से बैठक कर जुलूस के दौरान ट्रेफिक, पानी व पार्र्किंग की उचित व्यवस्था करने के लिए कहा है। पत्रकार वार्ता में शहर काजी अनवार अहमद ने बताया कि भारत देश का एक सविंधान है।
इसकी भावना के अनुरूप ही व्यवस्थाएं हैं। संविधान में हर इंसान अपने धर्म व मजहब के मामले में स्वतंत्र है, इसके बावजूद तीन तलाक बिल को पेश किया गया। यह गलत है। इस कानून से किसी को कोई लाभ नहीं है। शहर काजी ने कहा कि शरीअत में शादी ब्याह का एक कानून है। तलाक का भी एक इस्लामिक तरीका है। यह बिल मजहबी आजादी मंे दखलअंदाजी है। सरकार इसे वापिस ले या इसमें संशोधन करे।