चंबल नदी में नालों व सिवरेज का गंदा पानी मिलने से चंबल दूषित हो रही थी। इसके चलते एनजीटी की पहल पर चंबल पर 3 साल में ट्रीटमेंट प्लांट लग जाएंगे। इससे लोगो को दूषित पानी से मुक्ति मिलेगी।
एनजीटी कोर्ट के आदेश पर आरयूआईडीपी ने चम्बल नदी में रावतभाटा व केशवरायपाटन के नालों व सिवरेज से मिलने वाले दूषित पानी का ट्रीटमेंट किए जाने की कार्य योजना बनाना शुरू कर दिया है।
कार्य योजना से संबंधित रिपोर्ट डीएलबी के जरिए मांगी गई हैं। एनजीटी कोर्ट ने गत 24 जुलाई को चम्बल नदी में मिल रहे गन्दे नालों के पानी का ट्रीटमेंट करने का राज्य सरकार को आदेश दिया था। आदेश की पालना में आरयूआईडीपी अर्थात राजस्थान अरबन इंफ्रास्ट्रक्चर डवलपमेंट प्रोजेक्ट ने चम्बल नदी में मिलने वाले रावतभाटा व केशवरायपाटन के नालों के पानी का ट्रीटमेंट कराने की योजना बनवाने का काम शुरू कर दिया।
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ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य में लगेंगे 3 साल
आरयूआईडीपी को डीएलबी के मुख्य अभियंता द्वारा भेजी गई रिर्पोट में बताया कि एसटीपी अर्थात सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट के कार्य में 3 साल लगेंगे। कितना दूषित पानी चम्बल नदी में गया व कितने पानी का ट्रीटमेंट किया जा चुका। इस संबंध में पालिका से पत्र भेजकर मांगी जानकारी 15 दिन में उपलब्ध करवा दी जाएगी। ट्रीटमेंट प्लांट व सिवरेज पॉलिसीज नियमानुसार तैयार की जाने की बात कही है।
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पालिका से मांगी रिपोर्टस्वायत्त शासन विभाग के मुख्य अभियंता भूपेन्द्र माथुर ने रावतभाटा व केशवरायपाटन नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी को हाल ही में 21 अगस्त को पत्र भेज 4 बिन्दुओं में जानकारी मांगी है। इसमें सिवरेज ट्रीटमेंट प्लांट कितने समय में पूरा होगा। कितना दूषित पानी चम्बल नदी में गया व अभी तक कितना गन्दा पाने का ट्रीटमेंट किया जा चुका है। वेस्ट पानी को दुबारा काम में लिया जाने का काम कब पूरा कर पाएंगे सहित जानकारियां 3 दिन की अवधि में मांगी है।
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वेस्ट वाटर की टेस्टिंगइधर जलदाय विभाग कोटा वृत को मुख्य अभियंता ने निर्देश दिए कि रावतभाटा व केशवरायपाटन शहर के नालों-नालियों का पानी चम्बल नदी में गिर रहा है। वेस्ट वाटर की की टेस्टिंग विभागीय प्रयोगशाला से कराने की व्यवस्था करें।