कोटा. दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग पर जल्द ही गाडिय़ां 160 किलोमीटर प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ेंगी। इसी योजना के तहत सोमवार को रावठां रोड से लबान के बीच आधुनिक इलेक्ट्रिक इंजन सेट का ट्रायल किया गया। इसे 180 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से सफलतापूर्वक चलाया गया। अनुसंधान अभिकल्प एवं मानक संगठन, लखनऊ (आरडीएसओ) की टीम पिछले कई दिनों से इसका परीक्षण कर रही थी। गत शुक्रवार को भी इसे 140 किमी प्रतिघंटे की रफ्तार से दौड़ाया गया था।
आधुनिक इंजन है डब्ल्यूएपी 7 रेलवे के सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश ने बताया कि यह इंजन आधुनिक है। इसे दोनों तरफ से ट्रेन में जोड़ा जा सकता है। चितरंजन रेल कारखाने में मेक इन इंडिया के तरह इसका निर्माण किया गया है।
बढेग़ी ट्रेनों की रफ्तार सरकार ने देश के व्यस्ततम रेल मार्गों पर ट्रेन की गति बढ़ाने के प्रस्ताव को पहले ही मंजूरी दे दी है। इसकी शुरुआत दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रेलमार्गों से होगी। इन दोनों रेल मार्गों पर निकट भविष्य में गाडिय़ों की रफ्तार 160 किमी/घंटे तक बढ़ा दी जाएगी। इससे कोटा होकर दिल्ली से मुंबई का सफ र सिर्फ 12 घंटे में पूरा हो जाएगा। जो पहले की तुलना में साढ़े तीन घंटे कम होगा।
इसलिए चुना कोटा मंडल वाया कोटा होकर दिल्ली-मुंबई रेलमार्ग देश के बेहतरीन मार्गों में से एक है। यह पूरी तरह विद्युतीकृत है और यहां पहले भी सेमी हाई स्पीड टे्रनों का ट्रायल हो चुका है। बेहतर रखरखाव के चलते भी इसी रूट को ट्रायल के लिए चुना गया।
इस तरह दौड़ा रावठां रोड से लबान स्टेशन तक इंजन को 180 किमी की क्षमता से दौड़ाया, लेकिन जहां-जहां रफ्तार प्रतिबंध है वहां इसकी रफ्तार कम की गई। स्थानीय टीम का सहयोग
परीक्षण के लिए आरडीएसओ की टीम ने स्थानीय अधिकारी और कर्मचारियों का भी सहयोग लिया। डीआरएम यूसी जोशी, वरिष्ठ परिचालन प्रबंधक तुषार सारस्वत, सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश सहित कई अधिकारियों का परीक्षण में सहयोग रहा।