यह भी पढ़ें
दर्शन कर पुण्य कमाने गया था परिवार, रास्ते में हुए हादसा ने छीना परिवार से मां का साया
इसकी मदद से पहचान करना होगा आसान यातायात उप अधीक्षक श्योराजमल मीणा ने बताया कि नगरीय परिवहन के वाहनों में आए दिन जेब कटना, सामान छूटने व ग्रामीण लोगों के साथ किसी भी तरह की अप्रिय घटना होने के बाद अधिकतर को उस वाहन का नम्बर तक याद नहीं रहता। लोगों में वाहन में बैठने से पहले या उसमें बैठने पर वाहन के पंजीयन नम्बर देखने की आदत भी नहीं है। वाहन में कोई भी घटना होने के बाद नम्बर के अभाव में उसकी पहचान करना तक मुश्किल हो जाता है। यह भी पढ़ें
कोटा के दैदीप्य की फिल्म ‘सांकल’ को मिले 14 अवार्ड, दिखाई राजस्थान की कुप्रथा वाहनों में जागरूकता स्टीकर लगाने की योजना ऐसे में लोगों को जागरूक करने के लिए आईजी व एसपी ने एक पहल की। जिसके तहत सभी नगरीय परिवहन के वाहनों में जागरूकता स्टीकर लगाने की योजना बनाई। स्वयं सेवी संस्था के सहयोग से करीब 15 हजार स्टीकर छपवाए गए हैं। जिन्हें सभी वाहनों में लगाया जाएगा। यातायात निरीक्षक कालूराम वर्मा ने एरोड्राम चौराहे पर वाहन में स्टीकर लगाकर इसकी शुरुआत की। यह भी पढ़ें
13 साल से लोगों के लिए मुसिबत बना कोटा का यह सामुदायिक भवन वाहनों में अंदर की तरफ लगाए स्टीकर यातायात निरीक्षक कालूराम वर्मा ने बताया कि इस तरह के स्टीकर लगाने का काम राज्य में पहली बार हो रहा है। सभी ऑटो, टेम्पो, मिनीडोर, मिनीबस में अंदर की तरफ चालक के पीछे व सवारियों के सामने की तरफ ये स्टीकर लगाए जाएंगे। जिससे सवारी को बैठते ही वाहन का नम्बर देखने की याद आ जाए या वह अपने मोबाइल से उसका फोटो ले ले। इससे घटना के बाद वाहन की पहचान में आसानी होगी।