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चुनावी ड्यूटी से बचने की तरकीब, साहब मैं बीमार हूं, घर में बेटी की शादी है, रहम कीजिए, पढि़ए कैसे-कैसे बहाने…

साहब मैं लंबे समय से बीमार हूं। लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लग गई है, मेहरबानी कीजिए, घर में बेटी की शादी है, ड्यूटी करने में असमर्थ हूं।

कोटाApr 03, 2019 / 10:53 am

​Zuber Khan

चुनावी ड्यूटी से बचने की तरकीब, साहब मैं बीमार हूं, घर में बेटी की शादी है, रहम कीजिए, पढि़ए कैसे-कैसे बहाने…

कोटा. साहब मैं लंबे समय से बीमार हूं। लोकसभा चुनाव में ड्यूटी लग गई है, मेहरबानी कीजिए, घर में बेटी की शादी है, ड्यूटी करने में असमर्थ हूं। इस तरह की गुहार के साथ आई अर्जियों को देखकर निर्वाचन विभाग भी हैरान हो गया। जिला निर्वाचन विभाग ने लोकसभा चुनाव करवाने के लिए तैयारियों जोरों पर शुरू कर दी है। कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम चल रहा है। जिन कर्मचारियों की चुनाव में ड्यूटी लगाई है, वे किसी भी सूरत में ड्यूटी निरस्त करवाने के जुगाड़ में लग गए हैं। सिफारिशों के बाद भी ड्यूटी निरस्त नहीं होने पर कई कर्मचारियों ने बीमार होने का प्रार्थना पत्र लगा दिया है। वहीं, कई कर्मचारियों ने बेटा-बेटियों की शादी होने का हवाला देकर ड्यूटी निरस्त करवाने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
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निर्वाचन विभाग के अनुसार कोई कर्मचारी पत्नी की बीमारी का तो किसी ने परिवार में शादी होने के कारण ड्यूटी निरस्त करने की अर्जी लगाई है। ड्यूटी निरस्त करवाने के लिए कर्मचारी सिफारिशी फोन भी करवा रहे हैं। इससे निर्वाचन विभाग के अधिकारी भी हैरान हैं। जिला निर्वाचन अधिकारी अब सख्त हो गए हैं। बीमारी का प्रार्थना पत्र लगाने वाले कर्मचारियों के स्वास्थ्य की जांच करवाने के निर्देश दिए गए हैं।
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प्रशिक्षण में अनुपस्थिति पर गिरेगी गाज
चुनाव सम्पन्न कराने के लिए लगाए कर्मचारियों को प्रशिक्षण देने का काम शुरू हो गया है। प्रशिक्षण में अनुपस्थित रहने वाले कर्मचारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी गई है। प्रभारी अधिकारी मतदान दल गठन प्रकोष्ठ ने बताया कि चुनाव संबंधी जानकारी देने के लिए पीठासीन अधिकारीए पीओ प्रथम, द्वितीय व तृतीय का प्रशिक्षण आयोजित किया गया। इस दौरान 71 कार्मिक अनुपस्थित पाए गए हैं, जिन्हें प्रशिक्षण के लिए अंतिम अवसर देते हुए 4 व 5 अप्रेल को आयोजित होने वाले प्रशिक्षण में उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।
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अंतिम अवसर के प्रशिक्षण में उपस्थित नहीं होने वाले कार्मिकों के खिलाफ लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारंभ की जा रही है। चुनाव ड्यूटी में लगे 76 कार्मिकों ने शारीरिक रूप से रोगग्रस्त बताया है, जिनकी जांच के लिए मेडिकल बोर्ड का गठन कर चिकित्सकों के समक्ष उपस्थित होने के निर्देश दिए गए हैं।

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