Read more:टापू बने स्कूल, नांव के बिना पहुंचना हुआ मुश्किल। कीचड़ में बैठकर बेचते है सब्जी सब्जीमंडी में कारोबार के लिए यार्ड एक व दो को अधिकृत किया हुआ है। बड़े व्यापारी यार्ड एक में बैठते हैं, जबकि उन से छोटे व्यापारी यार्ड दो में कारोबार करते हैं। यहां रात 3 बजे से ही कारोबारी गतिविधियां शुरू हो जाती हैं। किसान माल लेकर मंडी आते हैं। सुबह 7 बजे तक थोक में व्यापार होता है। इसके बाद छोटे व्यापारी व किसान खुदरा में माल बेचते हैं। यह सिलसिला दोपहर तक चलता है। बारिश के बाद उनकी चहलकर्मी से यहां कीचड़ व गंदगी फैलने लगती है। व्यापारियों को ऐसे में ही बैठकर ही कारोबार करना पड़ता है। शहरवासियों को भी इसी कीचड़ से होकर सब्जियां खरीदनी पड़ती हैं। इससे यहां की गंदगी उनके घरों में बीमारी के रूप में प्रवेश कर रही है।
Read more:शौचालय बनाने वालों को उपहार में मिलेगें बाईक, एलईडी और फ्रिज। पर्याप्त सफाई के आभाव मंडी में सफाई के आभाव के कारण मच्छर भी पैदा हो गए हैं। दो मिनट को भी रूके तो मच्छर का आक्र मण हो जाता है। यार्ड एक में लहसुन यार्ड के सामने बरसाती पानी भरा है। इससे सब्जियां, लहसुन बेचने व खरीदने वाले व्यापारी, ग्राहक, किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। व्यापारियों ने कई बार पानी निकासी की व्यवस्था करने की मांग उठाई, लेकिन मंडी प्रशासन ने ध्यान नहीं दिया।
Read more: सात अजूबो के शहर में सड़क ढूढ कर दिखाओं तो जाने। कई बार शिकायत की, हल नहीं मिला फ ल विक्रेता महेश कुमार का कहना है कि मंडी में जिधर देखो उधर कीचड़-गंदगी का अम्बार लगा है। सड़े फल व सब्जियों में पानी भरा होने से दुगंज़्ध फैल रही है। ऐसे में ही कारोबार करना पड़ रहा है। कोटा थोक फल एवं सब्जीमंडी संघ महासचिव संतोष मेहता का कहना है कि मंडी प्रशासन समय पर सफई नहीं करवाता। कई बार सुपरवाइजर, मंडी सचिव, अध्यक्ष को बता दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं होती। आखिर किसे समस्या बताएं।
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