गंदगी का अम्बार पूर्व सरपंच गजेंद्र शर्मा व रामचंद्र ने बताया कि गांव में जगह-जगह गंदगी का अम्बार लगा हुआ है। नालियों की सफाई नहीं होती। नलकूप, ट्यूबवेल के पास गंदला पानी भरा रहता है। जहां मच्छर पनप रहे हैं। चिकित्सा विभाग को सूचना देने के बाद भी रोगियों का सर्वे करने कोई नहीं आया। अब तक फोगिंग भी नहीं हुई है।
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शनि ने बदला अपना घर, कहीं आपकी राशि पर तो नहीं होगा इसका असर बंद रहती है पीएचसी गांव में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र है। जहां एक नर्स पद स्थापित है। ग्रामीणों ने बताया कि पीएचसी समय पर नहीं खुलती। अधिकांश समय बंद रहती है। यहां कम्पाउंडर व चिकित्सक लगाने के लिए भी चिकित्सा विभाग को अवगत करा दिया, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।
बस दवा दे कर भेज देते हैं ग्रामीण बसंतीलाल ने बताया कि गांव में मौसमी बीमारियों का प्रकोप फैला हुआ है। 15 दिन हो गए बुखार आते हुए। रोजाना डॉक्टर के जाता हूं, वो दवा देकर भेज देते हैं। रामपाल ने कहा कि घर की सभी महिलाएं बीमार हैं। डेंगू और मलेरिया का प्रकोप है। घर का काम करने वाला तक नहीं बचा। दीपावली तक ठीक से नहीं मना पाए।
अस्पतालों के काट रहे चक्कर रंगपुर की मयंका, मनफूला, निर्मला व अन्य महिलाओं ने बताया कि उनके घर में 7 जने बीमार हैं। इनमें 6 महिलाएं व एक बच्ची दशहरे से बीमार है। इलाज के लिए रोजाना अस्पतालों के चक्कर लगा रहे हैं। कभी जांच के लिए तो कभी दवा के लिए। कुछ ग्रामीणों ने बताया कि यहां से रोजाना 50-60 मरीज सरकारी व निजी अस्पतालों में उपचार के लिए कोटा जा रहे हैं, कई तो भर्ती भी हैं।
एक नर्स, वो भी फील्ड पर सीएमएचओ आर.के. लवानिया ने जानकारी दी कि रंगपुर सब सेंटर में एक नर्स पद स्थापित है। हो सकता है फील्ड वर्क के कारण वह समय पर सेंटर नहीं खोल पा रही हो। यदि गांव में मौसमी बीमारियों का प्रकोप है तो सर्वे करवाएंगे। एंटी लार्वा एक्टिविटी करवाएंगे।