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अभी यह आ रही परेशानी
शिक्षकों ने बताया कि अभी उन्हें मेडिकल व पीएल नहीं मिल रही है। बीमार होने पर मेडिकल लेने पर तनख्वाह में से पैसे कट रहे हैं। स्थाईकरण नहीं होने से अभी उन्हें 13 हजार 200 रुपए ही मिल रहे हैं। इससे घर खर्च चलाने में परेशानी आ रही है। जबकि स्थाईकरण व वेतन नियमितीकरण होने के बाद करीब 35 हजार रुपए मिलेंगे।
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शिक्षकों ने बताया कि अन्य जिलों में अगस्त माह में ही पूरा काम हो चुका है। सभी जगह स्थाईकरण हो चुका है। जबकि झालावाड़ में पांच माह तक शिक्षकों का स्थाईकरण व नियमितीकरण नहीं हो पा रहा है। 28 जुलाई 2017 को पंचायती राज से आदेश आया था कि जब तक संशोधित परिणाम नहीं आता स्थाईकरण नहीं किया जाए। लेकिन अब तक जिले में संशोधित परिणाम सहित सभी कार्य पूरे हो चुके है। फिर भी सीईओ झालावाड़ पंचायत राज के आदेश का हवाला देकर स्थाईकरण नहीं कर रहे हैं। फिर से नया आदेश आने की बात कहकर मामले को टाल रहे हैं। अंत में शिक्षकों की श्रीकृष्ण पाटीदार से बात होने पर टंकी से उतरे हैं।
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यह है मामला
जानकारों का कहना है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर शिक्षकों का संशोधित परिणाम जारी कर दिया है। लेकिन अभी जो शिक्षक परिणाम के बाद बाहर हो रहे हैं, उन्हें हटाया नहीं गया है। राज्य सरकार ने अभी इस पर कोई निर्णय नहीं लिया है। इस पर कोई निर्णय होने के बाद ही स्थाईकरण हो जाएगा। संशोधित परिणाम के बाद कई शिक्षक भर्ती से बाहर हो रहे है, लेकिन फिलहाल सरकार ने उन्हें हटाया नहीं है।