scriptरणथम्भौर से निकला मुकुंदरा का राजा कालदां के जंगल में कर रहा शिकार, महादेव की गुफा के पास डाला डेरा | T-91 Tiger Found in Kalanda Jungle came back in Mukundara Hills | Patrika News
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रणथम्भौर से निकला मुकुंदरा का राजा कालदां के जंगल में कर रहा शिकार, महादेव की गुफा के पास डाला डेरा

दो माह पहले रणथम्भौर से निकले और कुछ दिन लापता रहने के बाद हाल ही ट्रेस हुए मुकुंदरा हिल्स के मेहमान बाघ ‘टी-91 को फिलहाल कालदां रास आ रहा है।

कोटाJan 31, 2018 / 09:26 am

​Zuber Khan

tiger
कोटा . दो माह पहले रणथम्भौर से निकले और कुछ दिन लापता रहने के बाद हाल ही ट्रेस हुए मुकुंदरा हिल्स के मेहमान बाघ ‘टी-91 को फिलहाल कालदां रास आ रहा है। हिंडोली रेंज में स्थित कालदां वन क्षेत्र वन्यजीवों से आबाद होने से इस बाघ ने यहां पर अपना डेरा जमा रखा है। मंगलवार को वन विभाग की टीम को नारायणपुर बांध के पास स्थित धुधलेश्वर महादेव गुफा के ऊपर बाघ के ताजा पगमार्क मिले। इसने यहां एक बेल का शिकार भी किया है। शिकार दो दिन पुराना है। जंगल में गश्त के दौरान अमारोह के पास पैंथर के भी पगमार्क मिले हैं।
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भोजन-पानी पर्याप्त, ठहर सकता है बाघ
कालदां वन क्षेत्र में वन्यजीवों एवं पानी की पर्याप्त उपलब्धता है। नारायणपुर बांध, बसोली बांध, कालदां, आमारोह, पारा का जंगल व गुढ़ा बांध में गर्मी के मौसम में भी पर्याप्त पानी रहता है। ऐसे में यहां पर हरिण, सांभर, नीलगाय, ***** व चिंकारा बहुतायत हैं। पानी और शिकार की पर्याप्त उपलब्धता के चलते बाघ के यहां फिलहाल ठहरे रहने की प्रबल संभावनाएं हैं।

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संभावना ये भी: बस्सी भी जा सकता है
वन्यजीव प्रेमी तपेश्वर सिंह भाटी कहते हैं कि ‘टी 91 फिलहाल कालदां के जंगलों में है, ऐसे में यहां से मुकुंदरा पहुंचने के लिए उसे माइनिंग क्षेत्र पार करना होगा। यदि बाघ माइनिंग क्षेत्र में मानवीय गतिविधियों से प्रभावित होता है तो वह वहां से निकलकर चित्तौडगढ़़ के बस्सी अभयारण्य में भी प्रवेश कर सकता है।
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ब्रोकन टेल के नक्शे कदम पर !
सूत्रों के मुताबिक बाघ ‘टी 91Ó तेरह साल पहले निकले ब्रोकन टेल के नक्शे कदम पर चल रहा है। वर्ष 2004 में रणथम्भौर से रामगढ़ होते हुए मुकुंंदरा हिल्स तक पहुंचा ब्रोकन टेल भी कालदंा वन क्षेत्र से होकर निकला था। इसके साक्ष्य मिलते हैं। ब्रोकन टेल रणथम्भौर से रामगढ़ विषधारी अभयारण्य होते हुए भीमलत, बिजौलिया से जवाहर सागर अभयारण्य पहुंचा था। उसकी उपस्थिति शैलझर के गढ़झरी के पास मिली थी। माना जाता है कि ब्रोकन टेल रामगढ़ से कालदां होते हुए नमाना की पहाड़ी से माइनिंग क्षेत्र को पार कर दामोदरपुरा, लक्ष्मीपुरा होते हुए मुकुंदरा पहुंचा था। ‘टी-91Ó भी ब्रोकन टेल की राह चल कर मुकुंदरा में आ सकता है।

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