कोटा

कालंदा के जंगल में मिला मुकुंदरा का राजा, बढ़ रहा घर की ओर, स्वागत को तैयार जंगल की प्रजा

दो माह पहले रणथम्भौर से निकलने के बाद रामगढ़ अभयारण्य में तफरीह कर रहा यह मनमौजी बाघ ‘टी-91 शनिवार को कालदां के जंगलों में मिला।

कोटाJan 28, 2018 / 08:58 am

​Zuber Khan

कोटा . मुकंदरा हिल्स जिस बाघ ‘टी-91 का शिद्दत से इंतजार कर रही, वन विभाग पलक-पांवड़े बिछा तैयार है, सप्ताह भर की गुमनामी के बाद उसे शनिवार को कालदां के जंगलों में ट्रेस कर लिया गया है। दो माह पहले रणथम्भौर से निकलने के बाद रामगढ़ अभयारण्य में तफरीह कर रहा यह मनमौजी बाघ नेशनल हाइवे 52 क्रॉस कर कालदां पहुंचा। हालांकि नियमित मानव दखल के चलते सुरक्षा को लेकर संवेदनशील इस जंगल में बाघ के आने से वन अधिकारियों की चिंता बढ़ गई है। बहरहाल, रामगढ़ विषधारी अभयारण्य की आधा दर्जन कार्मिकों की टीम बाघ के साथ नियमित मॉनिटरिंग में लगी है।
 

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बाघ टी-91 के ताजा पगमार्क शनिवार को नारायणपुर बांध के निकट देवजी मंदिर के पास मिले। बीते छह दिन से कोई लोकेशन नहीं मिल रही थी। शनिवार दोपहर ग्रामीणों की सूचना पर हिण्डोली रेंज के अधिकारी व वनकर्मी डाटूंदा वन क्षेत्र पहुंचे। वहां ग्रामीणों के बताए अनुसार ट्रेकिंग की तो बांध के पास देवजी मंदिर के निकट पगमार्क मिले। बाद में अधिकारियों ने पगमार्क बाघ ‘टी-91 के होने की पुष्टि की। रेंजर विष्णु गुप्ता ने बताया कि पगमार्क मिलने के बाद वनकर्मी तैनात कर दिए हैं।
 

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20 नवम्बर को आया था रामगढ़
‘टी-91 के पगमार्क पहली बार 20 नवम्बर को तलवास के जंगलों में बांसी के निकट मिले थे। बाघ रणथम्भौर से निकलकर क्वांलजी के रास्ते से तलवास के जंगलों में पहुंचा था। बाद में वन विभाग के अधिकारियों ने उसके रणथम्भौर के ‘टी-91Ó के रूप में पहचान की।
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कालदां : मानव दखल अधिक, सुरक्षा को लेकर चिंता
विभागीय सूत्रों के मुताबिक कालदां के जंगलों में मानव दखल अधिक है। बाघ के वहां पहुंचने पर इसकी सुरक्षा बढ़ानी होगी। पूर्व मानद वन्यजीव प्रतिपालक पृथ्वीसिंह राजावत ने बताया कि इस जंगल में सुरक्षा बढ़ाने को लेकर पहले भी मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक को पत्र लिखा था।
 

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बढ़ रहा मुकुंदरा की ओर
यूं तो वन विभाग ‘टी-91Ó को मुकुंदरा हिल्स नेशनल पार्क में लाने की तैयारी कर रहा है लेकिन कुदरती उसके कदम इस ओर बढ़ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक कालदां के जंगलों के आगे ही जवाहर सागर सेंचुरी है। और, आगे जाकर यह रास्ता मुकुदरा हिल्स अभयारण्य की ओर ही आता है। अभी ‘टी-91Ó जवाहर सागर सेंचुरी की दिशा में बढ़ रहा है, जाहिर है उसके कदम कुदरती मुकुंदरा हिल्स की ओर बढ़ रहे हैं। उसकी ताजा लोकेशन से मुकुंदरा हिल्स अभयारण्य महज 45 किमी दूर है।
 

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फरवरी माह तक आना है
मुकुन्दरा हिल्स टागइर रिजर्व में फरवरी मध्य तक टी-91 को लाने की योजना वन विभाग की है। उप वनसंरक्षक एसआर यादव ने बताया कि फरवरी के मध्य तक बाघ को लाकर छोड़ा जा सकता है, हालांकि फिलहाल इस बारे में तिथि निर्धारित नहीं है। उच्च अधिकारियों के जैसे निर्देश होंगे उसी के अनुसार बाघों को यहां लाकर बसाया जाएगा।

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