अनुदान मिलने के बावजूद कोटा विश्वविद्यालय में 8 लेन इंटरनेशनल स्वीमिंग पूल नहीं बनाने का मामला गुरुवार को अदालत पहुंच गया। एक वकील की ओर से पेश जनहित याचिका पर स्थायी लोक अदालत ने विवि के कुलपति व कुल सचिव समेत तीन अधिकारियों को नोटिस जारी कर 26 फरवरी को जवाब देने को कहा है।
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एडवोकेट लोकेश कुमार सैनी व शादाब खिलजी ने कोटा विवि के कुलपति, कुल सचिव व वित्त नियंत्रक के खिलाफ स्थायी लोक अदालत में याचिका पेश की। जिसमें कहा कि कोटा विवि में 8 लेन स्वीमिंग पूल बनाने के लिए विवि की ओर से 2014 में यूजीसी से 125 लाख रुपए का अनुदान मांगा था। यूजीसी ने जनवरी 2015 में ही प्रस्ताव स्वीकार कर 62.50 लाख रुपए स्वीकृत कर दिए थे।
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लेकिन पानी की पर्याप्त व्यवस्था नहीं होने व अधिकारियों की लापरवाही के चलते उस अनुदान का उपयोग नहीं हो सका। इस कारण न तो स्वीमिंग पूल बना और अनुदान राशि को भी यूजीसी को लौटानी पड़ी।
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इस संबंध में राजस्थान पत्रिका ने भी गत दिनों समाचार प्रकाशित किया था। इसके बाद एडवोकेट लोकेश सोनी ने याचिका पेश की। याचिका में कहा कि अधिकारियों को निर्देशित किया जाए कि तैराकी की प्रतिभाओं को अंतरराष्टरीय स्तर पर निखारने के लिए विवि में स्वीमिंग पूल का निर्माण करें।
साथ ही पानी की भी पुख्ता व्यवस्था की जाए। एडवोकेट सैनी ने बताया कि अदालत ने तीनों अधिकारियों को नोटिस जारी कर 26 फरवरी को जवाब मांगा है।